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28 जुलाई 2008

सोने में अभी और हो सकती है फिसलन

सोने में गिरावट का दौर इस हफ्ते भी बरकरार रहने की उम्मीद है। कच्चे तेल की कीमतों के गिरने से महंगाई से निपटने के लिए किए जाने वाले निवेश हेतु सोने की मांग में कमी आयी है।


उम्मीद की जा रही है कि इसकी मांग में और कमी आएगी। लिहाजा इस हफ्ते सोने की कीमत प्रति औंस 905 डॉलर से नीचे चले जाने की उम्मीद है। अगस्त में डिलीवर होने वाले सोने का भाव न्यू यॉर्क के कॉमैक्स डिवीजन में शुक्रवार को 1.10 डॉलर यानी 0.1 फीसदी की कमी के साथ 921.20 डॉलर तक फिसल गया।

वहीं न्यू यॉर्क के हाजिर कारोबार में सोना 927.40 डॉलर प्रति औंस तक चला गया। लंदन में भी सोने का हाजिर भाव 927 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ। मालूम हो कि पिछले हफ्ते कच्चे तेल के कमजोर और डॉलर के मजबूत होने से सोने में 40 डॉलर यानी 3.9 फीसदी तक की गिरावट हुई थी।

एमसीएक्स में अगस्त डिलीवरी वाले सोने में 5.56 फीसदी की गिरावट हुई और यह 12,624 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। अप्रैल 09 के अनुबंध में 5.56 फीसदी की कमी हुई और यह 12,900 रुपये पर बंद हुआ। मार्च में सोना 1033.90 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया था और अब तक इसमें 10 फीसदी से अधिक की कमी आ चुकी है। जबकि कच्चा तेल इस समय 122.50 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर है।

11 जुलाई को रेकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद तेल के मूल्य में अब तक 17 फीसदी की कमी हो चुकी है। इस तरह, पिछले साल की तुलना में शुक्रवार तक कच्चे तेल में 71 फीसदी और सोने में 35 फीसदी की वृद्धि हो चुकी थी। कई जानकारों का मानना है कि यदि सोना 900 डॉलर के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे चला जाता है तब उम्मीद है कि यह 888 डॉलर तक भी पहुंच जाएगा। रेलिगेयर कमोडिटीज के जयंत मांगलिक के अनुसार, अगले एक पखवाड़े के भीतर सोने में 6 से 7 फीसदी की कमी हो सकती है।

उनके मुताबिक, फिलवक्त बुनियादी परिस्थितियां ऐसी हैं कि सोने और कच्चे तेल दोनों में कमी आएगी। उनके मुताबिक, देश में महंगाई की समस्या से जूझने के लिए किए जा रहे प्रयासों के मद्देनजर इन जिंसों में जारी कमजोरी के रुझान कुछ ज्यादा देर तक टिकने की उम्मीद है। इस समय अन्य विदेशी मुद्राओं की तुलना में डॉलर लगातार गिरता जा रहा है। तेल में तेजी का बुलबुला फूटने की बात कही जा रही है। जानकारों के अनुसार, अभी कच्चे तेल की कीमत अपेक्षाकृत नरम रहेगी, जबकि सोने का भाव कच्चे तेल की ही राह पर चलेगा।

अमेरिका और ईरान के बीच का तनाव थोड़ा कम होने से अनुमान लगाया जा रहा है कि कच्चे तेल का यही हाल अगले हफ्ते भी जारी रहेगा। वैसे भी इस वक्त देश में न कोई त्योहार है, न ही शादी-विवाह का मौसम। ऐसे में दुनिया के इस सबसे बड़े उपभोक्ता देश में अभी सोने की कुल खपत बहुत कम है। फिलहाल सोने की कीमत के कम होने की सबसे बड़ी वजह यह भी है।

मुंबई में सोने के कारोबार का मुख्य हब माने जाने वाले जावेरी बाजार के एक कारोबारी ने बताया कि इस वक्त निवेशकों को उम्मीद है कि सोने में अभी और गिरावट आएगी। इसलिए वे अभी निवेश करने से परहेज कर रहे हैं। पिछले महीने ऑफ सीजन होने के बावजूद सोने की खरीदारी सामान्य रही थी लेकिन इन दिनों इसकी खरीदारी बिल्कुल ही शून्य हो गयी है।....bshindi

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