कुल पेज दृश्य

20 अगस्त 2008

15 सितम्‍बर के बाद नई मक्‍का की आवकें

नई दिल्‍ली, 19 अगस्‍त। नई मक्‍का की आवकें प्रमुख उत्‍पादक राज्‍यों कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, महाराष्‍ट्र व मध्‍यप्रदेश के अलावा उत्‍तरप्रदेश, राजस्‍थान, हरियाणा व पंजाब की मंडियों में 15 सितम्‍बर के बाद शुरू हो जायेंगी जबकि अभी तक केन्‍द्र सरकार ने खरीफ मक्‍का के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य घोषित नहीं किए हैं जिससे किसानों में रोष देखा जा रहा है। ऐसे में जबकि नई फसल की आवकों में एक माह से भी कम का समय शेष हो और न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍यों की घोषणा न हुई हो तो, किसानों का चितिंत होना लाजिमी भी है। ज्ञात हो कि कृषि लागत एवं मूल्‍य आयोग ने मक्‍का का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य 840 रूपये प्रति क्विंटल घोषित करने की सिफारिश की है जबकि वर्तमान में मक्‍का का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य 620 रूपये प्रति क्विंटल है।
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार चालू खरीफ सीजन में देश में मक्‍का की बिजाई 63.1 लाख हैक्‍टेयर में हो चुकी है जोकि गत वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 6.7 लाख हैक्‍टेयर कम है। बीते वर्ष की समान अवधि में देश में मक्‍का की बिजाई 69.8 लाख हैक्‍टेयर में हो चुकी थी। व्‍यापारियों क मानना है कि बिजाई क्षेत्रफल में तो कमी आई है लेकिन उसके बाद से मौसम अनुकूल बना हुआ है तथा नई फसल तक अगर मौसम ऐसा ही बना रहता है तो चालू खरीफ सीजन में देश में मक्‍का का उत्‍पादन 125 से 130 लाख टन का हो सकता है।
चालू बिजाई सीजन में जून व जुलाई माह के दूसरे पखवाड़े तक प्रतिकूल मौसम से दक्षिण भारत के अलावा महाराष्‍ट्र में भी इसकी बिजाई पिछड़ गई थी लेकिन उसके बाद हुई वर्षा से बिजाई ने गति पकड़ी। नई फसल की आवकें 15 सितम्‍बर के बाद शुरू हो जायेंगी जबकि केन्‍द्र सरकार ने पोल्‍ट्री उद्योग को सप्‍लाई सुगम करने हेतु 3 जुलाई को मक्‍का के निर्यात पर 15 अक्‍टूबर तक रोक लगा दी थी। जानकारों का मानना है कि चालू फसल सीजन में इसके बिजाई क्षेत्रफल में आई कमी से उत्‍पादन तो गत वर्ष से घट सकता है लेकिन अगर केन्‍द्र सरकार ने 15 अक्‍टूबर के बाद निर्यात से पाबंदी नहीं हटाई तो मक्‍का के मौजूदा भावों में भारी गिरावट की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। चालू सीजन में मक्‍का का निर्यात 29 से 30 लाख टन होने का अनुमान है।
उघर निर्यात पर पाबंदी लगाने के बाद राज्‍य सरकार के आग्रह पर नाफैड ने बिहार में मक्‍का की न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर खरीद शुरू की थी लेकिन मंडियों में भाव न्‍यूनतम समर्थन से ऊपर होने के कारण नाफैड मात्र 15 टन मक्‍का ही खरीद पाई तथा और मक्‍का न मिलने से मजबूरन नाफैड को खरीददारी बन्‍द करनी पड़ी। बिहार की मंडियों में वर्तमान में मक्‍का की दैनिक आवकें घटकर 20 से 25 हजार बोरियों की रह गई हैं जबकि मौसम खराब होने से आगामी दिनों में भी यहां आवकें प्रभावित रह सकती हैं। बिहार की मंडियों में मक्‍का के भाव 725 रूपये प्रति क्विंटल लूज में व 750 रैक लोडिंग चल रहे हैं।
कमजोर उठाव से दिल्‍ली बाजार में आज मक्‍का के भावों में 10 से 15 रूपये प्रति क्विंटल की गिरावट आकर भाव 870 से 880 रूपये प्रति रह गये जबकि आंध्रप्रदेश की निजामाबाद मण्‍डी में इसके भावों में 10 रूपये प्रति क्विंटल की गिरावट आकर भाव 1010 रूपये प्रति क्विंटल बोले गये। आंध्रप्रदेश में सरकारी एजेंसियों के पास इस समय करीब 7 से 8 लाख बोरियों का स्‍टॉक है तथा व्‍यापारियों को उम्‍मीद है कि उक्‍त मक्‍का की बिक्री हेतु कभी-भी टेंडर मांगे जा सकते हैं। परिणामस्‍वरूप यहां मक्‍का के भावों में और भी गिरावट की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।...R S Rana

कोई टिप्पणी नहीं: