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26 अगस्त 2008

स्‍टॉकिस्‍टों की सक्रियता से ग्‍वार में भारी उठा-पटक

नई दिल्‍ली, 25 अगस्‍त। वर्तमान में स्‍टॉकिस्‍टों की स‍क्रियता से ग्‍वार व गम के भावों में भारी उठा-पटक चल रही है। व्‍यापारिक सूत्रों के अनुसार ग्‍वार के प्रमुख उत्‍पादक राज्‍यों राजस्‍थान व हरियाणा में इस समय मौसम फसल के अनुकूल बना हुआ है तथा अगर आगामी दिनों में नई फसल से पहले उत्‍पादक राज्‍यों में एक-दो वर्षा हो जाती है तो ग्‍वार का बम्‍पर उत्‍पादन होने के आसार हैं। स्‍टॉकिस्‍टों व मिलों के पास इस समय ग्‍वार का गम का करीब 40 से 45 लाख बोरियों का स्‍टॉक बचा हुआ है तथा नई फसल की आवकों में अब एक से डेढ़ माह का समय ही शेष है इसलिए स्‍टॉकिस्‍ट कृत्रिम तेजी लाकर भाव तेज तो कर देते हैं लेकिन ग्राहकी का समर्थन न मिलने से तेजी टिक नहीं पा रही है।
ग्‍वार गम का अप्रैल से अभी तक करीब 1.40 लाख टन का निर्यात हो चुका है जबकि वर्तमान में यूरोप में छुटिटयॉ चल रही हैं, उघर चीन में ओलंपिक खेलों का समापन हो गया है, आगामी दिनों में चीन की मांग में तो इजाफा होगा ही, साथ ही सितम्‍बर में यूरोप की मांग भी बढ़ेगी। आगामी दिनों में निर्यात मांग में तो बढोत्‍तरी होगी लेकिन अनुकूल मौसम से आने वाली फसल के उत्‍पादन में बढ़ोत्‍तरी के आसार है। इन हालातों में आगामी दिनों में ग्‍वार की तेजी-मंदी मौसम पर ही निर्भर करेगी।
ग्‍वार गम के एक प्रमुख निर्यातक के अनुसार गत वर्ष ग्‍वार गम का करीब 2.10 लाख टन का निर्यात हुआ था जबकि उससे पिछले वर्ष इसका निर्यात करीब एक लाख छ:यासी हजार टन का हुआ था। निर्यात मांग तो हर साल बढ़ ही रही है साथ ही घरेलू मांग भी बढ़कर इस साल 60 हजार टन होने का अनुमान है। अत: निर्यात व घरेलू मांग को मिलाकर देखें तो नई फसल की खपत ही करीब एक करोड़ बोरियों की बैठेगी। इसके परिणामस्‍वरूप जैसा कि उम्‍मीद है अगर आगामी दिनों में उत्‍पादक क्षेत्रों में एकाध वर्षा हो जाती है तो नई फसल का उत्‍पादन सवा करोड़ बोरियों से ऊपर हो सकता है लेकिन अगर वर्षा नहीं होती है तो उत्‍पादन घटकर 85 से 90 लाख बोरियों का रह सकता है।
ग्‍वारी की नई फसल की आवकें जहां सितम्‍बर माह के दूसरे पखवाड़े में शुरू होंगी वहीं ग्‍वार की नई फसल की आवकें अक्‍टूबर माह के अंतिम पखवाड़े में बनेगी। अनुकूल मौसम से जहां हरियाणा में इसके बिजाई क्षेत्रफल में बढ़ोत्‍तरी हुई है वहीं प्रति हैक्‍टेयर उत्‍पादन भी बढ़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। जानकारों का मानना है कि अगर नई फसल से पहले एक-दो वर्षा हो जाती हैं तो हरियाणा व पंजाब में चालू फसल सीजन में ग्‍वार का उत्‍पादन बढ़कर 38 से 40 लाख बोरियों का हो सकता है।
जुलाई के आखिर व अगस्‍त के शुरू में हुई वर्षा से राजस्‍थान में भी चालू सीजन में इसका बिजाई क्षेत्रफल बढ़ा है, अभी तक के मौसम को देखते हुए फसल अच्‍छी स्थिति में है तथा अगले एक-सवा माह में यहां भी एक-दो अच्‍छी वर्षा हो जाती है तो व्‍यापारियों का मानना है कि नई फसल का उत्‍पादन बढ्कर राजस्‍थान में 75 से 80 लाख बोरियों का हो सकता है। गुजरात में इस साल उत्‍पादन घटकर ढ़ाई से तीन लाख बोरियों का रह सकता है जबकि सामान्‍यत: यहां उत्‍पादन पांच लाख बोरियों का होता है।
वर्तमान में ग्‍वार के भावों में जहां 100 से 125 रूपये प्रति क्विंटल की उठा-पटक देखी जा रही है वहीं ग्‍वार गम के भावों में 200 से 250 रूपये प्रति क्विंटल की घटबढ़ चल रही है। जोघपुर में आज प्‍लांट डिलीवरी ग्‍वार के भाव 1840 रूपये प्रति क्विंटल व ग्‍वार गम के भाव 4400 रूपये प्रति क्विंटल बोले गये।
उघर पाकिस्‍तान में चालू फसल सीजन में ग्‍वार का उत्‍पादन 12 से 15 लाख बोरियों का होने के अनुमान है जबकि बकाया स्‍टॉक इस समय मात्र एक से डेढ़ लाख बोरियों का ही बचा हुआ है। (R S Rana)

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