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24 सितंबर 2008

मसालों के भाव में दस फीसदी की मंदी

मसालों की मांग कम होने का असर इनके भावों पर देखा जा रहा है। राजधानी के किराना बाजार में बीते दो सप्ताह के दौरान इनके भाव में 10 फीसदी तक की कमी आई है। किराना कारोबारियों के मुताबिक आने वाले दिनों में इसकी मांग बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।दिल्ली किराना कमेटी के प्रधान प्रेम कुमार अरोड़ा ने बिज़नेस भास्कर को बताया कि मसालों की कीमतों में नरमी का कारण मांग में कमी व इसके कारोबार में होने वाली अटकलें भी हैं। राष्ट्रीय राजधानी की खारी बावली मंडी के किराना कारोबारियों ने बताया कि 13500 रुपये तक बिक चुका जीरा फिलहाल 10000 से 12000 रुपये प्रति क्विंटल, हल्दी 4900 से गिरकर 4400 से 4500 रुपये और धनिया 10 फीसदी गिरकर 8500 से 11500 रुपये प्रति क्विंटल तक आ चुकी है। इसके अलावा काली मिर्च में भी 10 फीसदी की गिरावट आई है । इसका भाव 13500 से 15000 रुपये प्रति क्विंटल है। वहीं लाल मिर्च की मांग कमजोर होने का असर इसके भाव पर नहीं पड़ा है। लाल मिर्च में कारोबार करने वाले धर्मेश कुमार का कहना है कि मांग कमजोर होने के बावजूद इसके भाव 6500 से 8200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने हुए है।आरके ओवरसीज के रविंदर कुमार अग्रवाल ने बताया कि लौंग की मांग कम होने और रुपये के डॉलर के मुकाबले कमजोर पड़ने से जंजीबार (तंजानिया) में लौंग की बुकिंग 5200 की बजाय 4700 से 4800 डालर प्रति टन में हो रही है। इससे इसके भाव 30000 -36000 रुपये प्रति क्विंटल से गिरकर 26000 से 30000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। किराना कारोबारियों को उम्मीद है कि त्योहारों पर मसालों की मांग बढ़ सकती है। अरोड़ा ने बताया कि त्योहारों के अवसर को देखते हुए इनकी मांग बढ़ने की उम्मीद की जा रही है। अप्रैल से अगस्त के दौरान 2.23 लाख टन मसाला निर्यातइस साल अप्रैल से अगस्त महीने के दौरान करीब 2.23 लाख टन मसालों का निर्यात होने की संभावना है। जिसकी कीमत करीब 2265.25 करोड़ रुपये हो सकती है। पिछले साल इस अवधि के दौरान करीब 1950.09 करोड़ रुपये के 198,985 टन मसालों का निर्यात हुआ था। अत: पिछले साल में अप्रैल से अगस्त महीने में हुए मसाला निर्यात की तुलना में इस साल करीब 12 फीसदी ज्यादा मसालों का निर्यात होने का अनुमान है जबकि कीमत के मामले में निर्यात 16 फीसदी बढ़ रहा है। मसाला बोर्ड के मुताबिक इस साल अगस्त महीने में करीब 35,555 टन मसालों का निर्यात हुआ है। इस साल अगस्त तक हुए पूर मसालों के निर्यात में लाल मिर्च की हिस्सेदारी करीब 22 फीसदी है जबकि जीर की नौ फीसदी, काली मिर्च की आठ फीसदी और हल्दी की हिस्सेदारी करीब पांच फीसदी है। अगस्त महीने के दौरान करीब 417.28 करोड़ रुपये के मसालों का निर्यात हुआ है। पिछले साल अगस्त महीने में करीब 423.59 करोड़ रुपये के 37,395 टन मसालों का निर्यात हुआ था। इस साल अगस्त महीने के दौरान मुख्य रूप से लाल मिर्च, जीरा, काली मिर्च और हल्दी का निर्यात हुआ है। अप्रैल से अगस्त के दौरान करीब 190.65 करोड़ रुपये मूल्य की 11,250 टन काली मिर्च का निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल इस अवधि के दौरान करीब 226.44 करोड़ रुपये का 15,620 टन का निर्यात हुआ था। (Business Bhaskar)

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