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23 सितंबर 2008

लाल मिर्च में तेजी की संभावना

अच्छी क्वालिटी की लालमिर्च के स्टॉक में कमी के साथ ही निर्यात मांग में बढ़ोतरी हो रही है जबकि मध्य प्रदेश,महाराष्ट्र तथा आंध्र प्रदेश में आने वाली नई फसल के उत्पादन में कमी की आशंका से दशहरे, दीवाली के बाद इसके मौजूदा भावों में पांच प्रतिशत तक की तेजी आने की संभावना है।गुंटूर मंडी के प्रमुख लालमिर्च व्यापारी मांगीलाल मुंदड़ा ने बिजनेस भास्कर को बताया कि मंडी में लालमिर्च का 28 लाख बोरी (प्रति बोरी 45 किलो) का स्टॉक बचा हुआ है तथा इसमें से 10 लाख बोरी फटकी क्वालिटी है। दूसरी ओर दो से ढ़ाई लाख बोरी का स्टॉक बड़ी कंपनियों व वायदा एक्सचेंजों का है जिसकी मंडी में आवक के बार में कोई तय समय नहीं है। ऐसे में बाजार में उपलब्ध बढ़िया क्वालिटी का स्टॉक मात्र 16 से 16.50 लाख बोरियों का ही बचा हुआ है। उधर मध्य प्रदेश में किसानों द्वारा लाल मिर्च के बजाय सोयाबीन की बुवाई को प्राथमिकता देने से उत्पादन में गत वर्ष के मुकाबले कमी आ सकती है। इसके परिणाम स्वरूप दीवाली के बाद घरेलू व निर्यात मांग बढ़ने की संभावना से इसके भावों में तेजी आ सकती है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में गुंटूर मंडी से लालमिर्च की 25 से 27 हजार बोरी की दैनिक मांग देखी जा रही है जबकि आंध्र प्रदेश के गुंटूर, खम्माम, वारंगल व कृष्णानगर जिलों में इसकी बुवाई में गत वर्ष के मुकाबले 18 से 20 फीसदी की कमी आई है तथा बुवाई में देरी के कारण नई फसल की आवक भी एक माह लेट होने की संभावना है।आमतौर पर आंध्र प्रदेश की मंडियों में लाल मिर्च की आवक जनवरी के मध्य में शुरू हो जाती है लेकिन इस बार नई फसल की आवक फरवरी के मध्य में ही बनने की आसार है। गुंटूर में तेजा क्वालिटी की लाल मिर्च के भाव 6700-7300 रुपये, 334 क्वालिटी के भाव 4700-5600 रुपये, सनम के भाव 5700-6200 रुपये, ब्याड़गी क्वालिटी के भाव 6200-7400 रुपये, 273 क्वालिटी के भाव 5600-6400 रुपये व फटकी क्वालिटी के भाव 1100-1800 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। मुंबई से लाल मिर्च के निर्यातक अशोक दत्तानी ने बताया कि चालू वर्ष में लाल मिर्च के निर्यात में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है तथा अभी तक इसका निर्यात 85000 टन तक पहुंच चुका है। वर्तमान में मलेशिया, श्रीलंका, थाईलैंड व इंडोनेशिया के साथ खाड़ी देशों की अच्छी मांग बनी हुई है तथा रमजान के बाद बांगलादेश की मांग भी निकलने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि दशहरे-दीवाली के बाद घरेलू मांग में तो इजाफा होगा ही, साथ ही निर्यात में बढ़ोतरी होने से इसके भावों में तेजी की ही उम्मीद है। डॉलर के मुकाबले रुपये में आई गिरावट से निर्यातकों को अच्छा फायदा हो रहा है।इंदौर मंडी स्थित लाल मिर्च के व्यापारी खोजरमल प्रजापति ने बताया कि मध्य प्रदेश में लाल मिर्च का उत्पादन गत वर्ष के 35 लाख बोरी के मुकाबले घटकर 30 से 31 लाख बोरी होने की संभावना है जबकि नई फसल की आवक नवंबर माह में आएगी। उनके अनुसार बढ़िया माल की शार्टेज से नई फसल की आवक बनने के बावजूद भावों में गिरावट की उम्मीद नहीं है। मध्य प्रदेश के खंडवा, खरगौन, धार व बड़वानी में लाल मिर्च का उत्पादन होता है। (R S Rana....Business Bhaskar)

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