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23 सितंबर 2008

हरियाणा में बाजरा एमएसपी से नीचे

हरियाणा में समय से पहले बाजरा की सरकारी खरीद शुरू होने से भी किसानों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है। सरकारी खरीद एजेंसियां किसानों की बाजरा की फसल क्वालिटी के नाम पर खरीदने से टालमटोल कर रही हैं जिससे वे खुले बाजार में एमएसपी से काफी कम भाव पर बाजरा बेचने को मजबूर हैं। हरियाणा के सीमावर्ती क्षेत्रों से लगे उत्तर प्रदेश व राजस्थान के इलाकों से भी किसान बाजरा बेचने के लिए यहां आ रहे हैं। इससे खुले बाजार में सप्लाई बढ़ने से भाव 25 फीसदी तक नीचे चले गए हैं।गत 12 सितंबर से यहां शुरू हुई सरकारी खरीद के चलते राजस्थान व फरीदाबाद से लगते यूपी के कई इलाक ों से हरियाणा की मंडियों में बाजरा आने लगा है जिसके कारण यहां मंडियों में बाजरा का भाव एमएसपी से नीचे चला गया है। इन राज्यों में बाजरा की सरकारी खरीद अक्टूबर के पहले हफ्ते में शुरू होनी है। बाजरा का एमएसपी 840 रुपये `िंटल है जबकि मंडियों में आढ़तियांे के यहां भाव 650 से 700 रुपये `िंटल बिक रह रहा है। बाजरा की सरकारी खरीद करने वाली एजेंसियां किसानों से बाजरा खरीदने में टालमटोल कर रही हैं। उनके अधिकारी व कर्मचारी फसल के लिए निर्धारित मानकों का हवाला देकर खरीद से इंकार कर रहे हैं। इस कारण किसानों को मजबूरन खुले बाजार में फसल ले जानी पड़ रही हैं। यूपी व राजस्थान से आ रहे किसानों के साथ भी यहीं हो रहा है। इस कारण खुले बाजार में सप्लाई बढ़ गई है। इस कारण भाव तेजी से घट गए।हरियाणा के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 20 सितंबर तक यहां क ी मंडियों में 61323 टन बाजरा की आवक हुई है जिसमें से 14775 टन की खरीद व्यापारियों ने की है जबकि सरकारी एजेंसियों ने 46548 टन बाजरा की खरीददारी की है। सरकारी खरीद एजेंसियों में हैफेड, कानफेड, एचडब्लयूसी, हरियाणा एग्रो, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग शामिल हैं। (Business Bhaskar)

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