कुल पेज दृश्य

22 सितंबर 2008

वैश्विक शेयर बाजारों में बढ़ी रौनक से सोने की चमक फीकी पड़ी

नई दिल्ली / लंदन : इक्विटी बाजारों की तकदीर क्या पलटी , सोने की बदकिस्मती का आगाज हो गया। दुनिया भर के शेयर बाजारों में जबरदस्त गिरावट से गुरुवार को सोने का हाजिर भाव 1205 रुपए प्रति दस ग्राम चढ़ गया था। इसके अगले दिन दुनिया के कई केंद्रीय बैंकों ने बाजार में 180 अरब डॉलर की रकम डाली। इसके बाद इक्विटी बाजारों में उतनी ही मजबूती लौटी। इसका असर यह हुआ कि शुक्रवार को हाजिर बाजार में सोने की कीमत में 520 रुपए प्रति दस ग्राम की गिरावट आई। इसे भी पढे : लीमैन का एक अच्छा इफेक्ट भी है गुरुवार को सोने का हाजिर भाव 13,120 रुपए प्रति दस ग्राम था , वहीं शुक्रवार को यह 12,600 पर बंद हुआ। चांदी के हाजिर भाव में भी गिरावट आई। औद्योगिक मांग में कमी आने से चांदी 300 रुपए की कमजोरी के साथ 19,500 रुपए प्रति किलो पर बंद हुई। एमसीएक्स पर सोने का अक्टूबर वायदा भाव छह परसेंट टूटकर 12,500 रुपए प्रति दस पर पहुंच गया। गुरुवार को एमसीएक्स पर अक्टूबर का वायदा 13,283 रुपए प्रति दस ग्राम पर बंद हुआ था। जानकारों ने बताया , ' सोमवार से सोने में तेजी का रुख था , लेकिन शेयर बाजार में रौनक लौटने से निवेशकों का रुझान बदल गया। कमजोर मांग से भी बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में नरमी रही। ' आठ ग्राम का सॉवरेन सोना 200 रुपए की गिरावट के साथ 10,300 रुपए पर पहुंच गया। हालांकि , चांदी के सिक्के के भाव में कमी नहीं आई और 100 सिक्कों की कीमत 28,000 रुपए ( खरीद ) और 28,100 रुपए ( बिक्री ) रही। उधर , घरेलू बाजार की तरह ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने में करीब तीन फीसदी की गिरावट आई। जोखिम में फंसे बैंकों को लेकर अमेरिकी योजना पर बातचीत शुरू होने से बाजार में भरोसा लौटता दिखा और डॉलर मजबूत हुआ। यूरो की तुलना में डॉलर 0.8 परसेंट मजबूत हुआ। अमेरिकी सरकार ने शुक्रवार को जोखिम में फंसे बैंकों को संकट से उबारने के लिए एक योजना पर काम करने की घोषणा की , इससे वैश्विक शेयर बाजार और डॉलर में सकारात्मक रुख आया। स्टैंडर्ड चार्टर्ड के मेटल एनालिस्ट डेनियल स्मिथ ने बताया , ' पिछले कुछ दिनों में सोने में आई तेजी अब खत्म होती दिख रही है। ' पिछले एक सप्ताह के दौरान सोना करीब 140 डॉलर चढ़ा है। बुधवार को इसमें एक दिन की ऐतिहासिक तेजी देखी गई थी और गुरुवार को कारोबार के दौरान सोना 900 डॉलर के मनोवैज्ञानिक स्तर पर पहुंच गया था। स्टैंडर्ड बैंक एनालिस्ट मनकोबा मेडिनेन ने बताया , ' वित्तीय बाजार में प्रमुख केंद्रीय बैंकों के संयुक्त प्रयास से निवेश करने से शेयर बाजार को जबरदस्त समर्थन मिला है। इससे निवेशक बहुमूल्य धातुओं में निवेश करने की योजना को टाल सकते हैं। ' हालांकि छोटी अवधि में सोना में सुधार दिखेगा , लेकिन वित्तीय संकट को लेकर बनी आशंकाओं से लंबी अवधि में सोना को फंडामेंटल समर्थन मिलेगा। भारत में त्योहारों के सीजन में अच्छी मांग रहेगी , इससे ज्वैलरी और सिक्कों की अच्छी मांग रहेगी। हालांकि ऊंची कीमतों का दबाव सोने पर देखा जा सकता है। (ET Hindi)

कोई टिप्पणी नहीं: