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21 अक्तूबर 2008

सोने में नरमी अभी यूं ही रहेगी बरकरार

मुंबई October 20, 2008
विश्व भर में छायी आर्थिक मंदी की वजह से सोने में निवेशकों का ध्यान अब डगमगा सा गया है।
कुछ दिन पहले तक सोने को जहां महंगाई के विरुद्ध सुरक्षित निवेश माना जा रहा था पर मौजूदा आर्थिक संकट ने धन की ऐसी किल्लत पैदा कर दी कि लोग अब सोना बेच पैसा उगाहने लगे हैं। उम्मीद की जा रही है कि अगले कुछ दिनों में सोने की कीमतों में दो से तीन फीसदी तक की कमी हो सकती है।संपत्तियों की बिकवाली की चली आंधी ने सोने को भी नहीं छोड़ा। पिछले पखवाड़े सोने में हुए उतार-चढ़ाव से निवेशकों का विश्वास डगमगा गया है। पहले जहां सोने में निवेश को सुरक्षित माना जा रहा था पर ऐसा लगता है अब यह धारणा खतरे में पड़ गयी है।फिलहाल सोना 790 डॉलर प्रति औंस पर चल रहा है जबकि उम्मीद है कि जल्द ही यह 770 डॉलर तक चला जाएगा। यदि फडों का रुझान नहीं बढ़ा तो कयास है कि सोने के भाव महीने भर में 736 डॉलर प्रति औंस तक लुढ़क जाएंगे। हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव का जो दौर है उसमें सोना 736 डॉलर प्रति औंस तक जाए उससे पहले ही उसकी ताजा खरीदारी दुबारा शुरू हो जाएगी। जानकारों का विश्वास है कि इस कीमती धातु के थोड़ा लुढ़कते ही फंडों की ओर से निवेश बढ़ जाएगा। उनके मुताबिक, 770 डॉलर के नीचे जाते ही कई निवेशक फिर से इसकी ओर आकर्षित होने लगेंगे। यह भी हो सकता है कि सोना 736 डॉलर तक लुढ़कने की बजाय चढ़ते हुए 810 डॉलर प्रति औंस तक चला जाए। कार्वी फॉरैक्स एंड करेंसीज प्राइवेट लिमिटेड के अशोक मित्तल बताते हैं कि यदि सोना इतना ऊंचा गया तो एक संभावना यह भी बनती है कि यह 845 डॉलर प्रति औंस के स्तर को छू ले। रेलिगेयर कमोडिटीज लिमिटेड के प्रमुख जयंत मांगलिक का मानना है कि देश में सोने की कीमत रुपये के हालचाल पर निर्भर करेगी। मांगलिक ने कहा कि सोने के भाव का पूर्वानुमान काफी मुश्किल काम है क्योंकि इस समय डॉलर की तुलना में रुपये में काफी उतार-चढ़ाव हो रहा है। हालांकि उन्होंने बताया कि यदि सोने की बिकवाली इसी तरह जारी रही तो सोना 12 हजार तक जा सकता है। एंजिल ब्रोकिंग की एक रिपोर्ट में हाल ही में बताया गया कि सेंसेक्स के गिरने से इस समय निवेशकों का विश्वास काफी कमजोर हो चला है। निवेशक मार्जिन में हुए उतार-चढ़ाव को पाटने के लिए सोने की बिकवाली कर रहे हैं। यही नहीं फिलहाल यूरो की तुलना में डॉलर मजबूत हो रहा है। कच्चे तेल की कीमतों के घटने से भी सोने की कीमतों पर दबाव बनता दिख रहा है। दूसरी ओर हाजिर बाजार में सोने की कीमतों के अस्थिर होने से इसकी खरीदारी पर बुरा असर पड़ा है। उम्मीद है कि कीमतों में कमी होने से दीवाली से ऐन पहले इसकी खरीदारी में वृद्धि होगी। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते सोने में करीब 75 डॉलर की कमी हुई और इसके भाव 791.35 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुए। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में सोने की वायदा कीमत हफ्ते की शुरुआत में 13,538 रुपये की तुलना में 12,578 रुपये प्रति 10 ग्राम तक लुढ़क गई। (BS Hindi)

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