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30 अक्तूबर 2008

विदेशी तेजी से बेसमेटल्स वायदा उछले

वैश्विक बाजारों में बेस मेटल्स की कीमतों में आई तेजी का असर घरलू वायदा बाजारों पर भी देखा गया। इस दौरान मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में कॉपर, अल्यूमीनियम, लेड और निकिल वायदा में तगड़ी तेजी देखी गई। दीवाली के बाद हुए कारोबार के दौरान पिछले दो महीनों से मंदी में चल रहे बेस मेटल्स में उछाल देखा गया है। बुधवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में कॉपर नवंबर वायदा करीब 2.50 फीसदी की बढ़त के साथ 217.50 रुपये प्रति किलो के भाव पर पहुंच गया। वहीं अल्युमीनियम अक्टूबर वायदा में करीब चार फीसदी की उछाल आने से भाव 105 रुपये प्रति किलो हो गए। लेड अक्टूबर वायदा करीब सात फीसदी की तगड़ी तेजी के साथ 74.30 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गए। जबकि एमसीएक्स में निकिल अक्टूबर वायदा सबसे ज्यादा करीब 7.15 फीसदी की बढ़त के साथ 618 रुपये प्रति किलो पर आ गया। पिछले दो महीनों के कारोबार के दौरान इन धातुओं की कीमतों में करीब 40 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है। इस दौरान हाजिर बाजारों में कामकाज नहीं होने की वजह से वायदा में बढ़त का असर वहां नहीं दिख सका है। मुंबई में मेटल प्राइड के मनोज भुथड़ा के मुताबिक दरअसल वैश्विक बाजारों में भाव बढ़ने की वजह से घरलू वायदा में भी तेजी देखी गई है। उन्होंने बताया कि दिवाली और भैयादूज की वजह से बुधवार को हाजिर में कामकाज नहीं हुआ। हालांकि अगले दिनों में बाजार खुलने पर उन्होंने हाजिर भावों पर भी असर पड़ने की उम्मीद जताई है। इस सप्ताह सोमवार को मुंबई में कॉपर वायर 278 रुपये किलो, अल्यूमीनियम इंगट 121 रुपये किलो, लेड 91 रुपये किलो और निकिल कैथोड का भाव करीब 700 रुपये प्रति किलो रहा था। बुधवार को महज कोलकाता में हाजिर कारोबार होने से यहां कॉपर वायर का भाव 325 रुपये किलो और लेड का भाव 89 रुपये किलो रहा। उधर पिछले दो दिनों के कारोबार के दौरान लंदन मेटल एक्सचेंज में कॉपर का भाव करीब 450 डॉलर बढ़ चुका है। बुधवार को एलएमई में कॉपर करीब 4135 डॉलर प्रति टन के भाव पर रहा। इस दौरान सबसे ज्यादा 2080 डॉलर की बढ़त निकिल में होने से यह 11780 डॉलर प्रति टन पर बंद हुआ। एलएमई में अल्यूमीनियम 2054 डॉलर प्रति टन पर बंद हुआ। जानकारों के मुताबिक अमेरिकी फेडरल बैंक द्वारा अगले महीने ब्याज दरों में कटौती की संभावना और पूंजी बाजारों में बढ़त से एलएमई में बेस मेटल्स के भाव बढ़े हैं। (Business Bhaskar)

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