कुल पेज दृश्य

27 नवंबर 2008

प्रतिबंधित कमोडिटी के वायदा कारोबार पर फैसला हफ्ते भर में

केंद्र सरकार इस सप्ताह के दौरान चार जिंसों के वायदा कारोबार के प्रतिबंध पर फैसला कर सकती है। इस महीने के अंत में प्रतिबंध की मियाद पूरी हो रही है। आर्थिक संपादकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि पेट्रोलियम और उवर्रक सब्सिडी में बढ़ोतरी के बाद इस वित्त वर्ष के लिए खाद्य सब्सिडी बिल भी अनुमान से ज्यादा हो सकता है। इसे बढ़कर 60,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। जबकि कि मौजूदा वित्त वर्ष के बजट में इसके 34,600 करोड़ रुपये होने का अनुमान किया गया था। कई फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए खाद्य तेलों के वितरण को देखते हुए इस साल सब्सिडी बिल में बढ़ोतरी होने के अनुमान है। चार जिंसों के वायदा कारोबार पर लगी रोक के बारे में उन्होंने बताया कि इस हफ्ते में इसके बारे में कोई फैसला ले लिया जायेगा। सोया तेल, चना, रबर और आलू के वायदा कारोबार पर लगी रोक 30 नवंबर को समाप्त हो रही है। सरकार के अनुसार, इस साल चीनी उत्पादन 220 लाख टन रहने के अनुमान है। एक अक्टूबर को बकाया स्टॉक 110 लाख टन था। इस साल चीनी उत्पादन में कमी होने के बावजूद उन्होंने कहा कि देश में चीनी की कोई कमी नही होगी। चीनी वर्ष (सितंबर-अक्टूबर) 2008-09 के अंत में अंतिम स्टॉक 75 लाख टन होने का अनुमान है जबकि इस साल चीनी का निर्यात 8-20 लाख टन के बीच हो सकता है। उन्होंने बासमती चावल पर लगे निर्यात शुल्क को हटाने की किसी भी संभावना से इंकार किया। पवार ने कहा कि सरकार अगले पांच महीनों में चावल के दामों में बढ़ोतरी नही होने देना चाहती, इसलिए निर्यात शुल्क हटाने का कोई विचार नही है। अभी बासमती पर 8000 रुपये प्रति टन का निर्यात शुल्क है। पवार ने कहा कि दालों के सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के जरिए वितरण के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है। कुछ राज्यों में हो रहे विधान सभा चुनावों के बाद इसको शुरु किया जा सकता है। पॉम तेल पर आयात शुल्क लगाने से संबंधित सवाल के जवाब में पवार ने कहा कि यदि तिलहन के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य के नीचे जाते है, तभी केन्द्र सरकार पाम तेल पर शुल्क लगाने पर विचार करेगी। ज्ञात हो कि घरलू बाजारों में पिछले दो महीनों के दौरान सोयाबीन और मूंगफली की कीमतों में काफी गिरावट आ चुकी है। वहीं इस साल सरसों का रकबा भी बढ़ने रहा है। उन्होंने कहा कि अभी हमारे पास गेहूं का पर्याप्त स्टॉक है। उसे देखते हुए हम पड़ोसी राज्यों से गेहूं की मांग आने पर उन्हें उपलब्ध करा सकते है। हाल ही में अफगानिस्तान से इस तरह की मांग आई है। (Bubsiness Bhaskar)

कोई टिप्पणी नहीं: