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31 दिसंबर 2008

निर्यात मांग घटने से बासमती घरेलू बाजार में 10 प्रतिशत सस्ता

बासमती चावल की निर्यात मांग में कमी और स्टाकिस्टों की बिकवाली के कारण दो सप्ताह के दौरान इसके थोक भाव 500 से 600 रुपये प्रति क्विंटल गिर चुके हैं। कारोबारियों के मुताबिक निर्यात मांग में कमी विश्व बाजार में मंदी के कारण आई है। वहीं दूसरी ओर स्टॉकिस्टों ने बीते दिनों में निर्यात मांग में कमी के चलते इसका स्टॉक कर लिया था लेकिन अब आगे इसकी आवक बढ़ने की संभावना के चलते बिकवाली करने लगे हैं। यही कारण है कि बासमती चावल के दामों में गिरावट आ रही है।दिल्ली व्यापार महासंघ के चेयरमैन ओमप्रकाश जैन ने बिÊानेस भास्कर को बताया कि बासमती चावल का निर्यात कम होने की वजह से इसके दाम पिछले दो सप्ताह के दौरान करीब 500-600 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर चुके है। जैन का कहना है कि विश्व बाजार में लगातार गिरावट आने से निर्यात मांग घट रही है। लिहाजा घरलू बाजारों में आढ़तियों की हर स्तर पर बिकवाली का जोर है। वहीं आगे और गिरावट की संभावना से खरीदार बाजार से गायब हैं। उनका यह भी कहना है कि बासमती चावल निर्यात पर लागू 8000 रुपये प्रति टन निर्यात टैक्स मौजूदा मंदी में भारी पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि तेजी के दौर में यह टैक्स तार्किक हो सकता है। क्योंकि सरकार की पूरी कोशिश घरलू बाजर में कीमतों पर काबू पाना होता है। लेकिन इस समय टैक्स होने से निर्यात प्रभावित हो रहा है। निर्यातकों को मिलने वाले मुनाफे में भी कमी आई है। इसकी वजह यह है कि पाकिस्तान का बासमती चावल भारत के चावल से सस्ता पड़ रहा है। घरेलू बासमती चावल पाकिस्तानी निर्यात के सामने टिक नहीं पा रहा है।दिल्ली की खारी बावली स्थित ग्रेन बाजार में पिछले दो सप्ताह के दौरान बासमती चावल 6300-6800 रुपये से गिरकर 5800-6400 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गए है जबकि पूसा-1121 के भाव 4500-4900 रुपये से घटकर 4100-4400 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रहा है। दिल्ली ग्रेन मर्च्ेट एसोसिएशन के सचिव सुरेंद्र कुमार गर्ग ने बताया कि नई फसल का बासमती चावल आने वाले दिनों में बाजार में बड़े पैमाने पर आने लगेगा। ऐसे में इसके मूल्यों और गिरावट आने की आशंका है। चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में अंतरराष्ट्रीय बाजार में जोरदार तेजी रहने से बासमती चावल का निर्यात तेजी से बढ़ा लेकिन सरकारी आंकडों के मुताबिक अप्रैल और सितंबर तक छह माह के दौरान बासमती चावल का निर्यात 20,000 टन घटकर 4.7 लाख टन रह गया है जबकि पिछले साल समान अवधि में इसका निर्यात 4.9 लाख टन रहा था। (Business Bhaskar)

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