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24 जनवरी 2009

देश का मक्का निर्यात 90फीसदी घटने की आशंका

चालू साल के दौरान बाजार भाव और कमजोर मांग मक्का निर्यात की संभावनाओं के एकदम खिलाफ है। इससे भारत का मक्का 90 फीसदी तक घट सकता है। हालत यह है कि भारत में मक्का महंगा है जबकि दूसरे देशों में भाव इससे कम हैं। मौजूदा समय में वैश्विक बाजारों में मक्के की कीमतों में तगड़ी गिरावट हो चुकी है। लेकिन घरलू बाजारों में मक्के का भाव तुलनात्मक रूप से ज्यादा है। ऐसे में निर्यात मांग में कमी देखी जा रही है। वैश्विक बाजारों में जारी धन की तंगी की वजह से भी भारतीय मक्के की मांग कम है। जानकारों का मानना है कि ऐसे माहौल में चालू सीजन के दौरान महज ढाई से तीन लाख टन ही मक्के का निर्यात हो सकेगा। जबकि पिछले सीजन में करीब 30 लाख टन मक्के का निर्यात हुआ था। यूएस ग्रेन काउंसिल के भारत में प्रतिनिधि अमित सचदेव के मुताबिक इस तरह इस साल मक्के के निर्यात में करीब 90 फीसदी की गिरावट आ सकती है। वैश्विक बाजारों में मक्के की मांग में इस साल तगड़ी गिरावट आई है। ऐसे में भारत की तरह अमेरिकी मक्के के निर्यात में भी गिरावट का रुख है। पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान यहां से कोई मक्के की शिपमेंट नहीं हो पाई है। अमेरिका का कृ षि विभाग ने भी भारत से मक्के के निर्यात में गिरावट आने की संभावना जताई है।मौजूदा समय में घरलू बाजारों में मक्के का भाव करीब 8क्00 से 8ख्क्क् रुपये (164 डॉलर) प्रति टन है। जिसका निर्यात के लिए एफओबी भाव करीब 195 डॉलर प्रति टन बैठ रहा है। वैश्विक बाजरों में अमेरिका का मक्का करीब 850 रुपये प्रति क्विंटल बैठ रहा है। जबकि घरलू बाजारों में किसान 8भ्0 रुपये `िंटल से नीचे मक्का बेचने को तैयार नहीं हैं। कार्वी कॉमट्रेड के विश्लेषक आनंद राजलक्ष्मी के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा मक्के का एमसपी 840 रुपये क्विंटल तय करने की वजह से वैश्विक बाजारों में यह महंगा बैठ रहा है। हालांकि इसके बावजूद मक्के की कीमतें पिछले साल के मुकाबले काफी कम हैं। पिछले साल मक्के का औसत भाव करीब 1000-1क्म्0 रुपये प्रति `िंटल था।इस समय प्रमुख उत्पादक राज्यों आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में सरकारी एजेंसियों द्वारा मक्का की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य 840 रुपये प्रति `िंटल की दर से की जा रही है। ऐसे में उत्पादक मंडियों में मक्का की आवक सीमित मात्रा में हो रही है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में चालू महीने में भाव में आई हल्की तेजी से भारतीय मक्का में निर्यातकों की पुछ-परख शुरू हो गई है। उम्मीद है कि आगामी दिनों में निर्यात में बढ़ोतरी होगी। (Business Bhaskar)

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