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24 जनवरी 2009

चीनी का उत्पादन घटने की आशा में स्टॉकिस्ट सक्रिय

उत्पादन में जबर्दस्त कमी आने की संभावना मजबूत होने के बाद चीनी में स्टॉकिस्ट हावी हो गए हैं। और तेजी की उम्मीद में चीनी स्टॉक में भरने की प्रवत्ति सरकार के ज्यादा कोटे पर भी भारी पड़ रह है। इससे जनवरी महीने के दौरान घरेलू बाजारों में चीनी के भाव 10 फीसदी बढ़ चुके हैं। फुटकर में भी चीनी बढ़कर फ्ब्-24 रुपये प्रति किलो का स्तर छू चुकी है।चालू वर्ष की पहली तिमाही जनवरी से मार्च तक के लिए केंद्र सरकार ने चीनी कोटा बढ़ाकर 50 लाख टन तय किया है। चीनी व्यापारी सुरेंद्र पाल ने बिजनेस भास्कर को बताया कि चालू महीने में दिल्ली बाजार में चीनी 200 रुपये महंगी हो चुकी है। अब एम ग्रेड चीनी के भाव 2200 से 2220 रुपये प्रति क्विंटल और एस ग्रेड चीनी 2170 से 2175 रुपये प्रति क्विंटल पर बिक रही है। चालू वर्ष में चीनी उत्पादन घटने की आशंका से स्टॉकिस्टों की भारी खरीद बनी हुई है। तेजी को लगाम लगाने के लिए सरकार ने जनवरी से मार्च तक के लिए चीनी कोटा बढ़ाकर 50 लाख टन तय किया है। पिछले वर्ष की समान अवधि के लिए 46 लाख टन का कोटा उपलब्ध कराया गया था।इस साल बाजार में जनवरी के लिए 17 लाख टन, फरवरी के लिए 16 लाख टन और मार्च महीने के लिए 17 लाख टन चीनी उपलब्ध होगी। कोटा ज्यादा आने के बावजूद घरेलू मांग बढ़ने और मिलों की बिकवाली कम आने से इसकी कीमतों में तेजी का रुख बना हुआ है। खुदरा बाजार में भी चालू महीने में चीनी दो से तीन रुपये प्रति किलो बढ़कर 23 से 24 रुपये प्रति किलो हो गई है। चालू वर्ष में देश में चीनी का उत्पादन घटकर 180 लाख टन से भी कम रहने की संभावना है जबकि नये सीजन के समय बकाया स्टॉक 80 से 85 लाख टन को मिलाकर कुल उपलब्धता 260 से 265 लाख टन की ही बैठेगी। पिछले वर्ष देश में चीनी का उत्पादन 264 लाख टन का हुआ था। जबकि देश में चीनी की सालाना खपत 220 से 230 लाख टन की है। चीनी के व्यापारी सुधीर भालोठिया का अनुमान है कि ऐसा हालात में अगर सरकार रॉ शुगर आयात में रियायत नहीं देती है तो चीनी 100 से 200 रुपये प्रति क्विंटल और महंग हो सकती है।चालू सीजन के दौरान उत्पादक इलाकों में गन्ने का रकबा काफी घटा है। लिहाजा गन्ने के उत्पादन में भी कमी देखी जा रही है। ऐसे में मिलों के सामने गन्ने की किल्लत की समस्या पैदा हो गई है। (Business Bhaskar.....R S Rana)

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