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23 मार्च 2009

पंजाब में गेहूं खरीद 1 अप्रैल से

राज्य सरकार ने 1624 मंडियों में गेहूं की खरीदारी की व्यवस्था

नई दिल्ली March 23, 2009
पंजाब में गेहूं की सरकारी खरीद 1 अप्रैल से शुरू होने जा रही है। राज्य सरकार ने इस खरीदारी के लिए जूट बैग के साथ प्लास्टिक बैग का भी इंतजाम कर लिया है।
आगामी 15 मई तक पंजाब में गेहूं की पूरी खरीदारी करने का लक्ष्य रखा गया है। पंजाब में इस साल भी पिछले साल की तरह ही करीब 157 लाख टन गेहूं उत्पादन का अनुमान है। सरकार ने देश भर में इस साल के लिए लगभग 7.78 करोड़ टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया है।
पंजाब से प्राप्त जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने 1624 मंडियों में गेहूं की खरीदारी की व्यवस्था की है। किसानों को भुगतान के लिए पंजाब सरकार को रिजर्व बैंक की तरफ से 12,153 करोड़ रुपये भेज दिए गए हैं। किसानों को गेहूं बेचने के 48 घंटों के भीतर भुगतान कर दिया जाएगा। इस साल के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1080 रुपये प्रति क्विंटल है।
गेहूं खरीदने के लिए सरकार ने पश्चिम बंगाल से 2,33,000 जूट बैग बेल भी मंगा लिया है। एक बेल में 500 जूट की बोरियां होती है। इसके अलावा बोरी कम पड़ने की आशंका के मद्देनजर पंजाब सरकार ने 1 लाख प्लास्टिक बोरियां भी मंगाई हैं। एक बोरी में 50 किलोग्राम गेहूं रखने की क्षमता होती है।
माना जा रहा है कि इस साल भी पिछले साल की तरह अधिकतम खरीदारी सरकार ही करने जा रही है। कुल गेहूं उपज की मात्र 2-3 फीसदी खरीदारी ही निजी रूप से हो पाती है। गेहूं के सरकारी भंडारण में पंजाब का योगदान 60 फीसदी तक होता है। हालांकि उत्पादन के लिहाज से उत्तर प्रदेश पंजाब से आगे हैं। केंद्र सरकार के भंडार में फिलहाल 150 लाख टन से अधिक गेहूं है।
हालांकि दो दिन पहले पंजाब में हुई बारिश व धूल भरी हवा के कारण आगामी 1 अप्रैल से गेहूं की बहुत ही कम मात्रा में खरीदारी की उम्मीद जतायी जा रही है। लेकिन अप्रैल के दूसरे सप्ताह से गेहूं की खरीद अपनी रफ्तार पकड़ लेगी।
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्री एमएस सिध्दू कहते हैं, '10 साल पहले तक गेहूं की खरीदारी 13 अप्रैल को होने वाली बैसाखी के दिन से शुरू होती थी। लेकिन वैश्विक तापमान के बढ़ने के कारण सभी फसल समय से पहले तैयार हो रही है।'
अधिक तापमान व बारिश नहीं होने के कारण उत्तर प्रदेश में समय से 10 दिन पहले गेहूं की कटाई आरंभ होने की संभावना है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ने की कटाई में हुई देरी की वजह से गेहूं की बुवाई दिसंबर के आखिर तक हुई है। की (BS HIndi)

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