कुल पेज दृश्य

28 मार्च 2009

पैदावार में कमी की आशंका से अरहर के भाव में तेजी का रुख

अरहर की घरेलू पैदावार में कमी की आशंका से स्टॉकिस्टों की खरीद बढ़ गई है। प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश में दैनिक आवक में भी कमी आई है। जबकि म्यांमार के निर्यातक मार्च-अप्रैल डिलीवरी के सौदे ऊंचे भावों में बोल रहे हैं। इससे पिछले पंद्रह-बीस दिनों में अरहर के भावों में 250 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है।दाल मिलर्स सुनील बंदेवार ने बताया कि अरहर में स्टॉकिस्टों की मांग तो बढ़ गई है लेकिन प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश की उत्पादक मंडियों में इसकी दैनिक आवकों में काफी कमी आई है। भावों में आ रही तेजी को देखते हुए उत्पादकों की बिकवाली पहले की तुलना में घट गई है। चालू महीने के शुरू में प्रमुख उत्पादक राज्यों में अरहर की दैनिक आवक लगभग 80 से 90 हजार बोरी की हो रही थी। जबकि इस समय इसकी दैनिक आवक घटकर 20 से 25 हजार बोरी की रह गई है। उत्पादक मंडियों में आवक घटने के साथ ही म्यांमार से आयातित अरहर की कीमतों में हुई बढ़ोतरी से लातूर मंडी में इसके भाव बढ़कर 3500 से 3700 रुपये, जलगांव में 3500 रुपये और जालना मंडी में इसके भाव बढ़कर 3450 से 3500 रुपये प्रति क्विंटल हो गये। मध्य प्रदेश की इंदौर मंडी में इस दौरान इसके भाव बढ़कर 3500 रुपये प्रति क्विंटल हो गये।कृषि मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिकचालू फसल सीजन में देश में अरहर की पैदावार घटकर 24 लाख टन होने की संभावना है। जबकि उत्पादन का लक्ष्य 29 लाख टन का था। पिछले वर्ष देश में इसकी पैदावार 30 लाख टन की हुई थी। बुवाई के समय उत्पादक राज्यों में मौसम प्रतिकूल होने से पैदावार में भारी गिरावट आने की संभावना है।जलगांव के दलहन आयातक संतोष उपाध्याय ने बताया कि म्यांमार के निर्यातकों ने अरहर की मार्च-अप्रैल शिपमेंट डिलीवरी की कीमतें बढ़ाकर 630-640 डॉलर प्रति टन बोलनी शुरू कर दी हैं। मार्च महीने के शुरू में इसके दाम 570-580 डॉलर प्रति टन थे। चालू वित्त वर्ष में अभी तक सरकारी एजेंसियों एमएमटीसी, पीईसी, एसटीसी और नाफेड ने लगभग 84,140 टन अरहर के आयात सौदे किए हैं। इसके अलावा इस दौरान प्राइवेट आयातकों ने भी करीब म्क् से स्त्रक् हजार टन अरहर के आयात सौदे किए है। चालू फसल सीजन में बर्मा से करीब दो लाख टन अरहर आने की संभावना है। निर्यातकों की बिकवाली कम आने से घरेलू बाजारों में इसके दामों में और भी तेजी की संभावना है। हालांकि चुनावी वर्ष होने के कारण आगामी दिनों में सरकारी एजेंसियों की बिकवाली बढ़ने की संभावना तो है लेकिन पैदावार में कमी और आयात महंगा होने से घरेलू बाजार में इसके मौजूदा भावों में गिरावट की संभावना नहीं हैं। मुंबई में आयातित अरहर के दाम बढ़कर 3300 रुपये प्रति क्विंटल हो गए जबकि दो मार्च को मुंबई में इसके भाव 2950 रुपये प्रति क्विंटल थे। (Business Bhaskar.....R S Rana)

कोई टिप्पणी नहीं: