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27 मार्च 2009

महंगाई दर व शून्य के बीच फासला और कम

महंगाई की दर अपनी गिरावट को बरकरार रखते हुए अब त्नशून्यत्न के और करीब आ गई है। गत ख्भ् मार्च को समाप्त सप्ताह में मुद्रास्फीति की दर और घटकर महज 0.27 फीसदी के स्तर पर आ गई । हालांकि, दालों एवं मोटे अनाजों की कम आपूर्ति होने तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) काफी ज्यादा रहने के कारण इस दौरान आवश्यक खाद्य वस्तुएं और महंगी हो र्गई। आर्थिक मामलों के सचिव अशोक चावला ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मांग काफी घट जाने के चलते नहीं, बल्कि बेस इफेक्ट ज्यादा रहने के कारण ही महंगाई की दर में कमी देखने को मिली है। मालूम हो कि एक साल पहले समान अवधि में महंगाई की दर काफी ज्यादा 8.02 फीसदी थी। चावला ने कहा कि महंगाई की दर में कमी के वास्तविक कारण से हम वाकिफ हैं। ख्भ् मार्च को समाप्त सप्ताह में महंगाई की दर में 0.17 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। इससे पिछले सप्ताह यह दर 0.44 फीसदी थी। वर्ष 1977-78 के बाद महंगाई दर का यह न्यूनतम स्तर है। प्राथमिक वस्तु समूह (गैर प्रसंस्कृत) में खाद्य पदार्थे की कीमतों में साप्ताहिक आधार पर 0.1 फीसदी और वार्षिक आधार पर 7.10 फीसदी की भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जौ की कीमत में दो फीसदी, जबकि बाजरा, मक्का, फल-सब्जी, मसूर, उड़द और चावल की कीमतों में एक-एक फीसदी बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह मैन्यूफैक्चर्ड खाद्य वस्तुओं में ऑयल केक की कीमत में सात फीसदी, आयातित खाद्य तेल में छह फीसदी और गुड़ में चार फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। (Business Bhaskar)

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