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21 अप्रैल 2009

चीनी के वायदा कारोबार पर फिलहाल रोक नहीं

नई दिल्ली- सरकार ने चीनी के वायदा कारोबार पर फिलहाल रोक का इरादा टाल दिया है। पिछले कुछ दिनों में चीनी के वायदा कारोबार में आई तेजी की वजह से इसके हाजिर बाजार भाव में भी उछाल देखा गया है। चीनी की कीमतों में पैदा हो रही असमान तेजी ने इसके वायदा कारोबार पर रोक के विकल्प पर सोचने के लिए सरकार को मजबूर किया है। हालांकि इस कदम को यह देखकर लागू नहीं किया गया कि इससे पहले से दिक्कत में चल रहे बाजार में बेहद खराब संकेत जाएंगे। सरकार इसके बावजूद एक्सचेंजों में हो रहे चीनी के कारोबार पर गहरी नजर रखे हुए है। इससे पहले खुदरा बाजार में चीनी के दाम 30 रुपए प्रति किलो के स्तर पर पहुंच कर कुछ नीचे आए हैं। इसकी वजह सरकार के पिछले हफ्ते अप्रैल से जून तिमाही के लिए छह लाख टन चीनी का अतिरिक्त कोटा जारी किया जाना रहा है। एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक, सरकार कमोडिटी बाजार नियामक फॉरवर्ड मार्केट्स कमीशन (एफएमसी) से चीनी के कारोबार के लिए ट्रेडिंग मार्जिन में इजाफा करने के लिए कह सकती है। मार्च में चीनी का वायदा कारोबार 17,000 टन से 73,000 टन के बीच रहा था जबकि अप्रैल के पहले पखवाड़े में ही इसका कारोबार उछलकर 1.26 लाख टन से 2.29 लाख टन के स्तर पर चला गया। खाद्य मंत्रालय को कमोडिटी बाजार में कुछ बड़े चीनी कारोबारियों और चीनी मिलों की मिलीभगत के संकेत मिले हैं हालांकि इस बारे में मंत्रालय को कोई पुष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटी को बताया, 'हम कम से कम अगले पखवाड़े तक बाजार में चीनी कीमतों में होने वाले किसी भी बड़े उतार-चढ़ाव पर नजर रखेंगे। सैद्धांतिक तौर पर हम कारोबार में गड़बड़ी होने पर वायदा पर रोक लगा सकते हैं। पिछले पखवाड़े बाजार में चली गतिविधियों को देखकर चीनी के वायदा पर रोक लगाने के बारे में विचार किया भी था लेकिन बाजार में जाने वाले नकारात्मक संकेतों को देखते हुए हमने यह कदम नहीं उठाया।' सरकार के 54 लाख टन चीनी जारी किए जाने के बाद अतिरिक्त छह लाख टन चीनी कोटा जारी किए जाने की बात कहे जाने के एक हफ्ते बाद शुक्रवार को मुंबई में चीनी की कीमतों में 200 रुपए प्रति क्विंटल और दिल्ली में 100 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट देखी गई। सरकार ने चीनी कीमतों में हो रहे भारी उछाल को देखते हुए इसकी अतिरिक्त मात्रा जारी करने का फैसला किया था। कमोडिटी विश्लेषकों के मुताबिक, 'सरकार के अतिरिक्त कोटा जारी किए जाने के कदम के बाद चीनी कीमतों में गिरावट की आशंकाओं के चलते इसकी कीमतों में नरमी देखी गई है। वास्तव में बाजार में खरीदारों का अभाव है।' चीनी के मई वायदा की कीमतें तेजी से गिरकर 2,308 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गई हैं। (ET Hindi)

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