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30 अप्रैल 2009

सेब पड़ेगा और महंगा

नई दिल्ली April 30, 2009
आवक में जबरदस्त गिरावट से इस गर्मी में सेब का स्वाद लेना आपकी जेब को कुछ ज्यादा ही ढीला कर सकता है।
खबर है कि अप्रैल महीने के दौरान मंडियों में सेब की आवक अपने पिछले चार महीने के रिकार्ड को तोड़ते हुए जहां 60 से 70 फीसदी गिरी है। वहीं कीमतों में भी 30 से 35 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
सेब किसानों का मानना है कि उत्पादन कम होने के चलते इस गर्मी में सेब की आवक जहां और कम होगी, वहीं खाड़ी देशों के लिए सेब का निर्यात बढ़ने से कीमतों में 25 से 30 फीसदी बढ़ोतरी की गुजांइश भी है।
कृषि उत्पाद विपणन समिति(एपीएमसी)के विपणन अधिकारी विजय त्यागी बताते है कि 'वैसे तो इस समय बाजार में सेब की रॉयल, रिचर्ड, रेड गोल्ड, केशरी, गोल्डन और महाराजा किस्में दिखाई दे रही है। लेकिन इनकी शुरुआती आवक पिछले साल की अपेक्षा 20 से 25 फीसदी कम है। लेकिन हो सकता है यह शुरुआती हाल हो और बाद के महीनों में आवक में सुधार आ जाए। '
एपीएमसी के आंकड़ों को देखा जाए तो जनवरी महीने में दिल्ली स्थित देश की प्रमुख मंडियों में सेब की आवक 48 हजार टन थी, जो अप्रैल में घटकर 27 सौ टन ही रह गई। वहीं एप्पल बेल्ट के ऊना, सोलन, कुल्लू, किन्नौर, कश्मीर और नैनीताल की छोटी मंडियों में भी सेब की आवक जनवरी के 15-20 टन से घटकर 3 से 4 टन ही रह गई है।
राष्ट्रीय बागवानी परिषद के विशेषज्ञ आर एस शर्मा का कहना है कि 'अगर इस साल भी पिछले साल की तरह तापमान में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है तो सेब के उत्पादन में और भी कमी हो सकती है।' शर्मा यह भी बताते है कि वैश्विक तापन के कारण सेब का उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। इसके कारण ही सेब के उत्पादन में पिछले तीन सालों में 30 फीसदी तक की कमी आई है।
एप्पल टेड्रर्स एसोसिएसन के अजय सिंह बताते है कि 'आवक कम होने की वजह से हमें सेब का आयात करना पड़ रहा है। लेकिन सेब के ऊपर आयात डयूटी फलों में सबसे ज्यादा होने के कारण कीमतें आसमान पहुंच रही है। यही कारण है विभिन्न राज्यों में सेब की कीमतें जनवरी से अब तक 35 से 70 फीसदी बढ़ चुकी है।'
लेकिन कुछ किसान और ट्रेडर्स सेब की कीमतों में बढ़ोतरी का कारण खाड़ी देशों को सेब का निर्यात मान रहें है। उनका कहना है कि इसकी वजह से घरेलू आवक प्रभावित हुई है। अगर खाड़ी देशों को सेब का निर्यात बढ़ता है तो आने वाले दो-तीन महीनों में सेब की कीमतों में और भी उछाल देखा जा सकता है।(BS Hindi)

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