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23 अप्रैल 2009

स्टॉकिस्टों की मजबूत खरीद से राजस्थान में चने के भाव बढ़े

दलहन में लगातार मजबूती तथा स्टॉकिस्टों की मांग के चलते अब चने में नरमी की धारणा नहीं है। यही वजह है कि आवक के दबाव के बावजूद पिछले दस दिन के दौरान राजस्थान की मंडियों में चने के भावों में तेजी दर्ज की गई। व्यापारियों के अनुसार अप्रैल बीतने के साथ ही चने में गिरावट की संभावना कम होती जा रही है। इस बीच शादी-विवाह का सीजन शुरू होने से राज्य की मंडियों में चने की आवक साठ हजार से घटकर पचास हजार बोरी रह जाने का अनुमान है।जयपुर के थोक व्यापारी सांवरिया डंगायच ने बताया कि बीकानेर संभाग में स्टॉकिस्टों तथा एनसीडीईएक्स में वायदा कारोबारियों की लगातार लिवाली से तेजी का आ रही है हालांकि मंडियों में आवक का दबाव है। राज्य की दूसरी मंडियों में भी चना मजबूत रहा। उन्होंने बताया कि एनसीडीईएक्स के गोदामों में करीब चार लाख बोरी चने का स्टॉक होने के साथ मूंग, मोंठ और अरहर में लगातार मजबूती से चने में नरमी की धारणा को दरकिनार कर दिया गया है। इस वजह से जयपुर मंडी में चने के भाव दस दिन से 2300 से 2360 रुपए क्विंटल के दायर में रहे। लेकिन बुधवार को भाव 2320 से 2380 रुपए क्विंटल पर बंद हुए। वहीं स्टॉकिस्टों की लिवाली से बीकानेर मंडी में लूज में चना 2225 से 2230 और अलवर में 2200 से 2210 रुपए क्विंटल दर्ज किया गया। दूसरी तरफ श्रीगंगानगर के थोक व्यापारी सुरेंद्र ने बताया कि आवक बढ़ने के बावजूद श्रीगंगानगर मंडी में नए चने के भाव 2125 से बढ़कर 2235 रुपए क्विंटल पर पहुंच गए हैं। कारोबारियों के अनुसार बुधवार को चने के भाव करीब 75 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ गए। एनसीडीईएक्स में भी मई वायदा चना 2442 रुपए क्विंटल के ऊपर पहुंच गया।जयपुर के थोक व्यापारी सुभाष गोयल का कहना है कि जोरदार आवक के बावजूद बड़ी गिरावट नहीं आने से चना 2500 रुपए क्विंटल ऊपर बिकने की संभावना प्रबल हो गई है। वैसे भी 27 अप्रैल को अक्षय तृतीया से शादी- विवाह का सीजन आने से आवक में कमी की आशंका को देखते हुए इस महीने चने में नरमी की धारणा नहीं है। पशुआहार में जौ और दलहन में चना सस्ता होने के कारण स्टॉकिस्ट इन दोनों जिंसों का स्टॉक करने में लगे हुए हैं। (Business Bhaskar)

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