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28 मई 2009

वायदा पर रोक के बाद चीनी के भाव में जोरदार गिरावट

सरकार द्वारा चीनी के वायदा कारोबार पर रोक लगाए जाने के बाद बुधवार को चीनी के हाजिर और वायदा कारोबार में तगड़ी गिरावट दर्ज की गई। दिल्ली व मुंबई समेत देश के कमोबेश सभी बाजारों में चीनी के भाव करीब 15-30 रुपये प्रति क्विंटल गिर गए। और तेजी की उम्मीद में भारी स्टॉक जुटाने वाले कारोबारियों को इससे नुकसान होने का अनुमान है। दिल्ली में चीनी करीब 30 रुपये की गिरावट के साथ 2360-2440 रुपये क्विंटल के भाव पर बिकी। कारोबारियों के मुताबिक कीमतों में अनिश्चितता की वजह से लिवालों का रुझान बाजार में कम रहा। दरअसल सरकार द्वारा इसके वायदा पर रोक से आने वाले दिनों में भाव और गिरने के कयास लगाए जा रहे हैं। मुंबई में भी चीनी की कीमतों में इस सप्ताह गिरावट जारी रही। यहां के वासी बाजार में हाजिर चीनी एस ग्रेड करीब 15 रुपये कम होकर 2205 रुपये प्रति क्विंटल पर बिकी। वहीं एम ग्रेड चीनी करीब 20 रुपये गिरकर 2250 रुपये प्रति क्विंटल रही। जानकारों का मानना है कि ज्यादातर कारोबारी वायदा सौदे निपटाने में व्यस्त थे, इससे हाजिर में कारोबार कमजोर रहा। गौरतलब है कि एक दिन पहले वायदा बाजार आयोग ने चीनी वायदा पर इस साल 31 दिसंबर तक के लिए प्रतिबंध लगा दी है। इस दौरान बिकवाली के दबाव में एनसीडीईएक्स में चीनी जून वायदा करीब 1.8 फीसदी की गिरावट के साथ 2266 रुपये क्विंटल पर निपटा। दिन भर में यह चार फीसदी के निचले सर्किट को छू गया। चीनी एम ग्रेड कोल्हापुर जून वायदा के भाव 1.09 घटकर 2266 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में चीनी एम ग्रेड जुलाई वायदा 1.62 फीसदी गिरकर 2430 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ, जबकि अगस्त वायदा 2.66 फीसदी घटकर 2450 रुपये प्रति क्विंटल रहा। चीनी कारोबारी सुशील कुमार के मुताबिक सरकार के इस कदम से हाजिर कारोबारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। दरअसल आने वाले दिनों में भाव तेज रहने की संभावना से कई कारोबारियों ने तगड़ा स्टॉक बना रहा है। जिसे अब उन्हें बेचना मजबूरी हो गया है। इस हप्ते भाव में आई गिरावट की वजह से कई कारोबारियों को खरीद भाव से भी नीचे सौदे करने पड़ रहे हैं। नई सरकार बनने के बाद से चीनी के हाजिर भाव में करीब 150 क्विंटल से ज्यादा की गिरावट हो चुकी है। खाद्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव एन सान्याल के ने पिछले महीने ही इस बात का संकेत दिया था कि चीनी के भाव यदि बढ़ते हैं तो इसके वायदा पर रोक लगाया जा सकता है। (Buisness Bhaskar)

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