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25 जून 2009

पौधों पर संक्रमण के बाद अब शौकीनों को महंगी पड़ेगी वनीला

कोच्चि June 24, 2009
केरल में वनीला बीन्स के उत्पादन में इस साल गिरावट के आसार हैं। अक्टूबर में शुरू होने वाले वनीला सत्र के दौरान इस साल कुल 200-300 टन के बीच उत्पादन का अनुमान लगाया जा रहा है।
कवक संक्रमण (फंगस इनफेक्शन) के चलते केरल में वनीला के ज्यादातर इलाकों, खासकर एर्णाकुलम जिले के कोठाट्टुकुआलम, रामामंगलम और मुवट्टुपुझा इलाकों में फसलें व्यापक रूप से प्रभावित हुई हैं।
वनीला की खेती करने वाले और वनीला इंडिया प्रोडयूसर्स कंपनी लिमिटेड (वीएएनआईएलसीओ) के निदेशक एमसी संजू के मुताबिक करीब 1,200 एक ड़ जमीन में रोपी गई वनीला की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है। आने वाले सत्र में इन खेतों से उत्पादन नहीं के बराबर होगा।
कुछ साल पहले वनीला की खेती शुरू की गई, जिसे किसानों ने बड़े पैमाने पर अपनाया और राज्य का कुल वनीला उत्पादन बढ़कर 3500 टन हो गया। हरी बीन्स की कीमतों में तेज बढ़ोतरी (1500 रुपये प्रति किलो) प्रमुख वजह है, जिसके चलते इसकी खेती और उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़त हुई।
बाद में इसकी मांग में कमी आई और वनीला के प्रमुख उत्पादक मेडागास्कर में उत्पादन में बढ़ोतरी होने की वजह से कीमतों में तेज गिरावट दर्ज की गई। 2007 के सत्र में कीमतें गिरकर 65 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गईं। साजू के मुताबिक, फिर से रोपाई करने का काम भी बाधित हुआ, क्योंकि पेड़ों पर कवक का संक्रमण हो गया। ज्यादातर किसानों ने वनीला की खेती से मुंह मोड़ लिया है।
इसकी वजह से वनीला का उत्पादन आगामी सत्र में 200-300 टन के बीच रहने के आसार हैं। केरल के मध्य के जिलों में 90 प्रतिशत खेती की जाती है, जहां कवकों के कहर ने फसल को खत्म सा कर दिया है।
वायनाड और इडुक्की जिलों में फसलों पर बहुत असर नहीं पड़ा है, लेकिन कर्नाटक में करीब 10 प्रतिशत फसलें प्रभावित हुई हैं। केलत में 2008-09 सत्र के दौरान कुल उत्पादन करीब 600 टन रहा। उत्पादन में गिरावट के चलते कीमतों में बढ़ोतरी भी हुई है।
हरी बीन्स के दाम बढ़कर पिछले सत्र में 125 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले सत्र में कीमतों में और ज्यादा बढ़ोतरी होगी। संजू ने कहा कि आगामी सत्र में वनीला की हरी फली की कीमत 200 रुपये पर खुलने के आसार हैं और उत्पादन में गिरावट की वजह से बाद में कीमतें 350 रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती हैं।
वैश्विक बाजार में भी हरी फली की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है और यह 3 डॉलर प्रति किलो पर पहुंच गई है। इस साल मेडागास्कर में भी कम उत्पादन का अनुमान लगाया जा रहा है, जिसकी वजह से वनीला की वैश्विक आपूर्ति में भी कमी आएगी। कीमतें कम रहने के पीछे आर्थिक मंदी ही एक प्रमुख वजह रह सकती है। (BS Hindi)

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