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25 जून 2009

दूध पाउडर के निर्यात पर मिले सब्सिडी

नई दिल्ली June 24, 2009
भारतीय डेयरी उद्योग ने दूध के पाउडर के निर्यात पर 25 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी दिए जाने की मांग की है।
उद्योग का कहना है कि अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) की अंतरराष्ट्रीय बाजार में दी जा रही सब्सिडी को देखते हुए प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए यह जरूरी है। इंडियन डेयरी एसोसिएशन (आईडीए) ने इस सिलसिले में केंद्रीय कृषि मंत्रालय के पास एक ज्ञापन भी भेजा है।
इस सब्सिडी खर्च 2007-08 (अक्टूबर से सितंबर) के दौरान किए गए के 80,000 टन निर्यात के आधार करीब 200 करोड़ रुपये आएगी। बहरहाल इस साल निर्यात केवल 30,000 टन का रहा है, क्योंकि मांग बहुत कम है।
भारत में कुल 1,95,000 टन दूध पाउडर का वार्षिक उत्पादन होता है। उद्योग जगत ने सलाह दी है कि मांस के निर्यात के लिए दी जा रही सब्सिडी में कटौती कर इसके लिए फंड इकट्ठा किया जा सकता है। मांस के निर्यात पर दो योजनाओं- डयूटी एनटाइटलमेंट पासबुक स्कीम और विशेष कृ षि और ग्राम उद्योग योजना के तहत 550 करोड़ रुपये की वार्षिक सब्सिडी दी जाती है।
आईडीए ने कहा है, 'अमेरिका में हाल ही में डेयरी एक्सपोर्ट प्रोत्साहन योजना पेश की गई है। इसके तहत वे 68,201 टन पाउडर और 10,000 टन मक्खन पर छूट दे रहे हैं। यूरोपीय संघ और अमेरिका द्वारा दी जा रही सब्सिडी से अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर असर पड़ेगा और वे कम होंगी। दूध पाउडर पर यूरोपीय संघ 24 रुपये प्रति किलो के हिसाब से सब्सिडी दे रहा है।'
चेन्नई स्थित हैटसन एग्रो के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक आरजी चंद्रमोगन, जो आईडीए के सदस्य हैं, ने कहा कि दूध पाउडर के निर्यात पर यूरोपीय संघ आगे चलकर सब्सिडी और बढ़ाएगा और इसे 10 प्रतिशत से 26.40 रुपये प्रति किलो तक किया जा सकता है। दरअसल यूरोपीय संघ अमेरिका द्वारा सब्सिडी पर इस महीने की जाने वाली घोषणा की प्रतीक्षा कर रहा है।
उन्होंने कहा कि यहां पर 80,000 टन अतिरिक्त दूध पाउडर का उत्पादन होता है, जिसका निर्यात किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'अगर इसका निर्यात नहीं किया जाता है तो डेयरी संयंत्रों को दूध पाउडर का उत्पादन कम करना पड़ेगा और उत्पादन पहले जैसा ही रहेगा। इसका मतलब यह होगा कि इससे मिलने वाले अतिरिक्त उत्पाद, घी और मक्खन का भी उत्पादन कम हो जाएगा।
इसकी वजह से घी और मक्खन की कमी होगी और इसका आयात करना होगा, जो घरेलू उद्योग के लिए बुरा साबित होगा।' इस समय मक्खन की कमी पहले से ही महसूस की जाती रही है। पिछले साल देश में कुल 15,000 टन मक्खन का आयात किया गया। उद्योग जगत के अनुमानों के मुताबिक चालू साल के लिए 10,000 टन मक्खन आयात के लिए पहले ही अनुबंध हो चुका है।
डेयरी उद्योग ने सरकार से मांगी दूध पाउडर के निर्यात पर 25 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी अगर दी जाती है इस दर पर सब्सिडी तो आएगा कुल 200 करोड़ रुपये सालाना खर्चसाथ ही उद्योग ने सुझाव दिया है कि मांस के निर्यात पर दी जा रही छूट में कटौती से की जाए घाटे की भरपाई (BS Hindi)

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