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20 जून 2009

टाटा स्टील ने की कीमतों में बढ़ोतरी

कोलकाता June 19, 2009
टाटा स्टील ने ऑटोमोबाइल और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के सेक्टर में इस्तेमाल किए जाने वाले हॉट रोल्ड (एचआर)और कोल्ड रॉल्ड (सीआर) क्वॉयल की कीमतों में 500-750 रुपये प्रति टन की बढ़ोतरी कर दी है।
पिछले आठ महीने में एचआर में यह पहली बार बढ़ोतरी हुई है। कंपनी के प्रवक्ता का कहना है, 'यह बढ़ोतरी महीने के अनुबंध के मुताबिक ही थी और जून के अनुबंध से लागू होगी। यह बढ़ोतरी देश के कुछ हिस्सों में लागू की गई थी।'
टाटा स्टील ने इसके पहले सीआर और गैल्वनाइज्ड स्टील की कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा की थी। दूसरे स्टील निर्माताओं ने इंतजार करने की रणनीति अपनाई है। एस्सार स्टील के प्रवक्ता का कहना है, 'इसके लिए कोई फैसला नहीं लिया गया है। हम स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं।' इस्पात इंडस्ट्रीज के निदेशक (वित्त) अनिल सुरेका का कहना है, 'हम इस महीने कुछ भी नहीं कर रहे हैं। अगले महीने हम इस पर काम करेंगे।'
उद्योग के एक सूत्र का कहना है, 'हम चाहते हैं कि सरकार हमारी सुरक्षा करे और हम आयात कर में बढ़ोतरी का इंतजार करेंगे।' उद्योगों को यह उम्मीद है कि सस्ते आयात के लिहाज से आयात के सेफगार्ड डयूटी पर 15 फीसदी तक की बढ़ोतरी की जाएगी। यह प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन है।
पिछले साल जुलाई के उच्च स्तर के मुकाबले स्टील की कीमतों में लगभग 60 फीसदी तक की गिरावट आ गई। वैश्विक स्तर पर हॉट रोल्ड क्वॉयल की कीमतें जो जुलाई में 1,100 डॉलर थी अब वह पिछले महीने तक 380 डॉलर प्रति टन पर थी। हालांकि कीमतों में रिकवरी हो रही है और स्टील कंपनी आर्सेलर मित्तल ने पिछले 10 दिनों में कीमतों में बढ़ोतरी की है और अमेरिका में यह 450 डॉलर प्रति टन है।
दुनिया भर में उत्पादन में कटौती की घोषणा होने की वजह से ही कीमतों में बढ़ोतरी की शुरुआत हुई है। जबकि देश के ज्यादातर उत्पादनकर्ताओं ने उत्पादन को सामान्य कर दिया है। दुनियाभर की कंपनियां अभी तक 50 फीसदी से क म की क्षमता पर परिचालन कर रही थीं।
उद्योग से जुड़े सूत्रों का कहना है दुनिया की स्टील उत्पादक कंपनियां कीमतों की बढ़ोतरी पर अपनी नजर जमाए हुए हैं। अगर बाजार में यह कीमतों की बढ़ोतरी को स्वीकार किया जाता है तब अंतरराष्ट्रीय बाजार में उत्पादन की स्थिति सामान्य हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार घरेलू बाजार के मुकाबले कम प्रभावित है। बाजार में सुधार आने से पहले अंतरराष्ट्रीय कीमतों के मुकाबले घरेलू कीमतें ज्यादा ऊंची थीं।
लेकिन घरेलू स्टील उत्पादकों को उम्मीद है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार होने की वजह से कीमतें अगले महीने में खासतौर पर बढ़ेंगी। इसके अलावा सरकार द्वारा आधारभूत ढांचे पर खर्च करने की घोषणा भी आने वाले बजट में हो सकती है। ऐसे में घरेलू हॉट रोल्ड क्वॉयल की कीमतें 496 डॉलर प्रति टन है।
एचआर, सीआर क्वॉयल महंगे
कंपनी का कहना है कि कीमतों में बढ़ोतरी अनुबंध के मुताबिकदूसरे उत्पादक इंतजार करने के मूड मेंपिछले साल जुलाई की तुलना में कीमतों में 60 फीसदी की गिरावटवैश्विक बाजार में भी हो रही है कीमतों में बढ़ोतरी (BS Hindi)

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