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25 जुलाई 2009

आईएसएमए के महानिदेशक ने पद छोड़ा

नई दिल्ली July 24, 2009
पिछले महीने इंडियन शुगर एक्जिम कॉर्पोरेशन (आईएसईसी) के बड़े घाटे और सौदे में सट्टेबाजी का पता चलने के बाद गुरुवार को इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (आईएसएमए) के महानिदेशक शांतिलाल जैन ने अपने पद से रिटायर होने का फैसला लिया है।
गुरुवार को नई दिल्ली में कमेटी की एक मीटिंग में आईएसएमए के सदस्यों को जैन के इस फैसले के बारे में सूचित किया गया। जैन दो दशक से भी ज्यादा आईएसएमए के महानिदेशक के तौर पर बने रहे। आईएसईसी एक संस्था है जिसे आईएसएमए के साथ नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्टरी प्रमोट करती है।
आईएसईसी के सदस्य सचिव जैन भी है जो 27 जून को बेंगुलुरु में एसोसिएशन की मीटिंग में घाटे पर चिंता जताए जाने के बाद 29 जून से ही लंबी छुट्टी पर चले गए। डेरिवेटिव उत्पाद में सट्टेबाजी वाले सौदे से आईएसईसी को 20 करोड़ रुपये का घाटा हुआ।
इसका फिलहला डेरिवेटिव में 10 करोड़ डॉलर का ओपेन पोजीशन है और इसे हर महीने 2 करोड़ रुपये का घाटा होता है। इसके अलावा सट्टेबाजी वाले सौदे से आईएसईसी को 750,000 टन कच्ची चीनी का निर्यात करने की प्रक्रिया में वर्ष 2008-09 में 46 करोड़ रुपये का घाटा हुआ।
यह घाटा मुद्रा में उतार-चढ़ाव, विलंब शुल्क और कुछ आपूर्तिकर्ता मिलों के वादे से मुकरने की वजह से हुआ। सूत्रों का कहना है कि इस मसले की जांच पिछले तीन हफ्तों से चार्टड एकाउंटेंट और दूसरे विशेषज्ञों से भी हो रही है लेकिन रिर्पोट अभी नहीं आई है। हालांकि महानिदेशक अपने पद से कार्यमुक्त होने का फैसला कर चुके हैं।
लेकिन जब जैन से संपर्क किया गया तो उन्होंने इस तरह के किसी कदम के बारे में बताने से इंकार कर दिया और उनका कहना था कि वह छुट्टी पर हैं। इस्मा की जानकारी के बगैर ही सट्टेबाजी का कारोबार तीन साल से ज्यादा दिनों तक चलता रहा और इस्मा कमेटी को इसकी सूचना लगभग एक महीने पहले ही मिल पाई।
कई इस्मा कंपनियां पूरी पारदर्शिता लाने के लिए पूरे संस्थागत व्यवस्था को फिर से एक नया रुप देने की कोशिश कर रही हैं। सुधार की प्रक्रिया बहुत जल्द ही शुरू होगी। (BS Hindi)

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