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29 जुलाई 2009

मौसम सुधरने से जुलाई के बाद चाय के दाम गिरने की उम्मीद

पिछले दिनों चाय उत्पादक राज्यों में अच्छी बारिश होने के कारण इसके दामों में गिरावट आने की उम्मीद है। अभी तक उत्पादन कम रहने के कारण चाय के दाम पिछले छह माह के दौरान 30 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। टी बोर्ड के मुताबिक पिछले साल से पहले मौसम अनुकूल न रहने के कारण मई माह तक चाय की पैदावार में 10 फीसदी की गिरावट आई। उद्योग के जानकारों द्वारा चाय की पैदावार में सुधार होने की उम्मीद जताई जा रही है। दरअसल जुलाई-सितंबर के दौरान सबसे अधिक चाय का उत्पादन होता है। भारतीय टी बोर्ड के अधिकारी कहना है कि बीते दिनों में चाय उत्पादक इलाकों में बारिश होने से चाय उत्पादन सुधरने की उम्मीद है। अधिकारी के अनुसार जून में मई मुकाबले अधिक चाय उत्पादन होने की संभावना है। ऐसे में चाय की कीमतों में गिरावट आ सकती है। खेतान का कहना है कि जुलाई माह के बाद चाय की कीमतों में गिरावट आने लगेगी।लेकिन पिछले छह माह के दौरान चाय के दाम में जोरदार तेजी दर्ज की गई। भारतीय टी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार जनवरी में चाय के औसत नीलामी भाव 86 रुपये प्रति किलो थे जो अब 112 रुपये प्रति किलो हो चुके है। वहीं पिछले साल जुलाई में इसकी नीलामी भाव 88 रुपये प्रति किलो थे। इंडियन टी एसोसिएशन (आईटीए) के चैयरमेन आदित्य खैतान ने बिजनेस भास्कर को बताया कि सीजन की शुरूआत में बारिश कम होने के कारण चाय का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले लगातार घट रहा है। इस वजह से जनवरी से लेकर अब चाय के दाम 30 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। उनका कहना है कि चालू वर्ष में भारत के अलावा अन्य चाय उत्पादक देश श्रीलंका, केन्या में भी चाय उत्पादन कम हुआ है। चाय उत्पादन कम होने के कारण इसके दाम पिछले साल के मुकाबले काफी बढ़ चुके है। श्रीलंका में जनवरी-जून के दौरान पिछली समान अवधि के मुकाबले उत्पादन 23.8 फीसदी घटकर 13.05 करोड़ किलो रहा। भारतीय चाय बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार जनवरी-मई के दौरान चाय उत्पादन करीब दस फीसदी घटकर 21.58 करोड़ किलो रह गया है। पिछली समान अवधि में यह आंकडा़ 24.02 करोड़ किलो था। हालांकि अप्रैल के मुकाबले मई में चाय की पैदावार 14 फीसदी सुधरकर 7.13 करोड़ किलो रही। अप्रैल में मार्च के मुकाबले चाय की कीमतें 50 फीसदी तक बढ़ गई थी। इसके अलावा थोक में चाय के दाम बढ़ने के कारण चाय कंपनियों ने भी कीमतों में बढ़ोतरी की थी। इस दौरान बाघ बकरी समूह ने पैकेट बंद चाय के मूल्य में 60 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी करके की थी और भाव 179 रुपये प्रति किलो तय किया। जबकि लोचन टी कंपनी पैकेज्ड चाय की कीमतें 50 रुपये बढ़ाकर 170 रुपये प्रति किलो कर दी थी। चाय उत्पादन घटने की वजह से वर्ष 2008 में 98.08 करोड़ किलो चाय का उत्पादन हुआ था। जबकि वर्ष 2007 में यह आंकडा 94.46 करोड़ किलो रहा। (Business Bhaskar)

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