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26 अगस्त 2009

रबर उत्पादन बढ़ने से लक्ष्य हासिल होने की संभावना

भारत का रबर उत्पादन सितंबर के बाद बढ़ सकता है। इस उत्पादन वृद्धि से चालू वर्ष के लिए तय उत्पादन लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। हालांकि सूखे की स्थिति के कारण सीजन के पहले चार महीनों में उत्पादन घटा है। रबर बोर्ड ने मंगलवार को बताया कि 31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के दौरान रबर उत्पादन 0.3 फीसदी की मामूली बढ़ोतरी के साथ 8,67,000 टन रह सकता है। बोर्ड के चेयरमैन साजेन पीटर ने कहा कि हालांकि अप्रैल से जुलाई तक रबर उत्पादन में 13 फीसदी की गिरावट रही और इस दौरान 2,09,825 टन उत्पादन रहा। उत्पादन का प्रमुख सीजन अभी आना बाकी है, ऐसे में बोर्ड उत्पादन लक्ष्य की समीक्षा दिसंबर के बाद ही करेगा। इससे पहले भी कुछ वर्षे से ऐसा होता रहा है कि साल के शुरू में उत्पादन लक्ष्य से कम रहता है, लेकिन आखिरी के महीनों में उत्पादन बढ़कर लक्ष्य के करीब पहुंच जाता है। नेचुरल रबर के उत्पादन में यह बढ़ोतरी घरेलू बाजार में रबर की कीमतों को थोड़ा नियंत्रित कर पाएगी।पिछले छह महीनों में रबर की कीमतों में 42 फीसदी का उछाल आया है। एमआरएफ, जेके टायर इंडस्ट्रीज और अपोलो टायर जैसी प्रमुख टायर निर्माता कंपनियों में रबर की तेज मांग रही है। देश में रबर की कीमतों में तेजी फरवरी के बाद ज्यादा आई है जबसे सरकार ने प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी। वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार से खपत बढ़ने के संकेतों के चलते सोमवार को टोक्यो में रबर के वायदा भाव 31 जुलाई के बाद सबसे तेज रहे। रबर का जनवरी वायदा भाव 2.3 फीसदी बढ़कर 200 येन प्रति किलो रहे। मानसून की समाप्ति के बाद ठंड के मौसम में उत्पादन सुधरने की संभावना से भारत में भी रबर उत्पादन का अनुमान गत वर्ष के उत्पादन 8,64,500 टन से ज्यादा रह सकता है। इस वर्ष देश में रबर की खपत 1.7 फीसदी बढ़कर 8,81,000 टन रहने की संभावना है। देश का 90 फीसदी से ज्यादा रबर केरल में पैदा होता है। (Busienss Bhaskar)

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