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21 अगस्त 2009

त्यौहारी सीजन में आधी रह सकती है सोने की मांग

अत्यधिक ऊंचे भाव और कमजोर मानसून के चलते इस साल भारत में सोने की त्यौहारी मांग पिछले साल से बमुश्किल आधी रहने की संभावना है। दिवाली के त्यौहारी सीजन पर देश में सोने के जेवरातों की सबसे ज्यादा मांग होती है। चालू वर्ष की पहली छमाही में सोने के भाव 55 फीसदी कम रही। दूसरी तिमाही में त्यौहारी सीजन होने के बावजूद सोने के जेवरातों की मांग हल्की रहने का अनुमान है। मुंबई के ज्वैलर्स रामचंद्र केशव एंड कंपनी के श्रीकांत जोशी के अनुसार पिछले कुछ हफ्तों से सोने की मांग बढ़ने लगी है लेकिन इस साल त्यौहारों के दौरान मांग 50 फीसदी रहने की संभावना है। पिछले साल जुलाई से सितंबर के बीच भारत में 249.5 टन सोने की मांग रही थी। देश में त्यौहार अगस्त से अक्टूबर के बीच होते हैं। पिछले साल अगस्त में 98 टन सोने का आयात हुआ था। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार भारत में अप्रैल से जून के दौरान सोने की खपत 38 फीसदी घटकर 109 टन रह गई। जनवरी से मार्च के दौरान तो सोने की बिक्री 83 फीसदी गिरकर मात्र 17.7 टन रह गई थी। बुलियन ट्रेडिंग फर्म रिद्धि सिद्धि बुलियन के डायरेक्टर पृथ्वीराज कोठारी का कहना है कि हालांकि ज्वैलर्स त्यौहारी सीजन को देखते हुए सोने का स्टॉक जमा कर रहे हैं लेकिन सोने के मूल्य में अगर गिरावट नहीं आती है तो त्यौहारों पर सोने की मांग बहुत ज्यादा बढ़ने की उम्मीद करना बेकार है। इस समय मुंबई के सराफा बाजार में सोने के भाव 14,970 रुपये प्रति दस ग्राम चल रहा है। आमतौर पर त्यौहारी सीजन में सोने की मांग बढ़ जाती है क्योंकि सोने की खरीद के लिए भारत में त्यौहारों को शुभ समय माना जाता है। लेकिन पिछले साल से सोने के भाव ऊंचे होने के कारण मांग प्रभावित हो रही है। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार हाल में सोने की मांग बढ़ने के संकेत स्पष्ट नहीं है। स्थानीय सोने के भाव की दिशा के अनुसार मांग निकलेगी। काउंसिल के मुताबिक अगर भाव 14,000 रुपये प्रति दस ग्राम के नीचे आते हैं तो मांग में बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि उद्योग के जानकारों को इस बात की उम्मीद कम है कि भाव 14,000 रुपये प्रति दस ग्राम से नीचे आएंगे। कोठारी के अनुसार सोने के भाव 15,000 रुपये का आंकड़़ा दुबारा छूने से पहले बमुश्किल 14,750 रुपये के स्तर तक नीचे आ सकते हैं। (Business Bhaskar)

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