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25 अगस्त 2009

चीन को आस्ट्रेलिया से लौह अयस्क आयात मंे बढ़ोतरी

वार्षिक मूल्य समझौते के मुद्दे पर ऑस्ट्रेलियाई माइनिंग कंपनी रियो टिंटो के दो कर्मचारी चीन गिरफ्तार होने के बावजूद चीन को लौह अयस्क की सप्लाई करने वाले देशों में आस्ट्रेलिया सबसे ऊपर है। आस्ट्रेलिया से चीन को लौह अयस्क निर्यात में जुलाई के दौरान भारी बढ़ोतरी हुई है। मूल्य समझौते पर विवाद होने के बाद आस्ट्रेलिया से सप्लाई घटने की संभावना व्यक्त की गई थी।चीन के सीमा शुल्क संबंधी जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ने सोमवार को जारी आंकड़ों में कहा है कि चीन ने जुलाई के दौरान 275 लाख टन लौह अयस्क का आयात किया है। यह पिछले वर्ष के जुलाई के मुकाबले 52 फीसदी अधिक है। जबकि मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि रियो टिंटो के चार कर्मचारियों की चीन में गिरफ्तारी और लौह अयस्क की वार्षिक कीमतों पर मतभेद के बाद चीन का ऑस्ट्रेलिया से आयात घटा है। चीन ने जुलाई में 581 लाख टन लौह अयस्क का आयात किया जबकि इस वर्ष जुलाई तक कुल 3,553 लाख टन लौह अयस्क का आयात किया गया। जनवरी से जुलाई तक चीन ने ऑस्ट्रेलिया से 1,491 लाख टन लौह अयस्क का आयात किया है जो सालाना आधार पर 45 फीसदी अधिक है। चीन ने कुल लौह अयस्क आयात का 42 फीसदी आयात ऑस्ट्रेलिया से किया है। जुलाई में चीन को लौह अयस्क निर्यात करने में ब्राजील का दूसरा स्थान रहा है। चीन ने 123 लाख टन लौह अयस्क का आयात ब्राजील से किया है जो गत वर्ष जुलाई के मुकाबले 42 फीसदी अधिक है। जनवरी से जुलाई के दौरान ब्राजील ने 731 लाख टन लौह अयस्क का आयात किया जो गत वर्ष की समान अवधि से 23 फीसदी अधिक है। भारत चीन को लौह अयस्क आयात मामले में तीसरे नंबर पर है। जुलाई में भारत ने चीन को 71 लाख टन लौह अयस्क का निर्यात किया है जो गत वर्ष के मुकाबले 14 फीसदी अधिक है। इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका, यूक्रेन, रूस, कनाडा, कजाकिस्तान और पेरू जैसे देशों से लौह अयस्क का आयात चीन ने किया है। हालांकि चीन के रिफाइंड कॉपर के आयात में जुलाई में गिरावट रही है। इसका प्रमुख कारण कॉपर के भावों में लगातार बढ़ोतरी है। विश्लेषकों का मानना है कि गर्मी के महीनों में कॉपर के आयात में कमी स्वाभाविक होती है। (Business Bhaskar)

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