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21 सितंबर 2009

लाल मिर्च में और गिरावट आने की संभावना

निर्यातकों की मांग घटने से लाल मिर्च की कीमतों में पिछले एक सप्ताह में करीब 400-500 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से जुलाई के दौरान भारत से लाल मिर्च का निर्यात 32 फीसदी घटा है। वैसे भी रमजान के महीने में खाड़ी देशों की मांग कमजोर रहती है। जबकि पिछले साल भारत से पाकिस्तान ने लाल मिर्च का अच्छा आयात किया था लेकिन चालू वर्ष में पाकिस्तान और चीन में लाल मिर्च की पैदावार बढ़ी है। इसीलिए भारत के मुकाबले पाकिस्तान और चीन कम भाव पर बिकवाली कर रहे हैं। आंध्र प्रदेश में लाल मिर्च का करीब 45-47 लाख बोरी (एक बोरी 45 किलो) का स्टॉक बचा हुआ है। अक्टूबर-नवंबर महीने में मध्य प्रदेश में लाल मिर्च की नई फसल आ जाएगी। ऐसे में रमजान के बाद खाड़ी देशों की मांग बढ़ने से लाल मिर्च के मौजूदा भाव में हल्का सुधार तो आ सकता है। लेकिन बकाया स्टॉक अच्छा होने और निर्यात मांग कमजोर होने से भविष्य में कीमतों में गिरावट की ही संभावना है।प्रमुख उत्पादक मंडी गुंटूर में लाल मिर्च का करीब 28-30 लाख बोरी और आंध्र प्रदेश के अन्य केंद्रों पर करीब 15-17 लाख बोरी का स्टॉक बचा है। निर्यातकों के साथ घरेलू मांग कमजोर होने से पिछले एक सप्ताह में इसकी कीमतों में 400- 500 रुपये की गिरावट आकर 334 क्वालिटी की लाल मिर्च के भाव 4900- 5400 रुपये, ब्याड़गी क्वालिटी के 5000- 5800 रुपये, सनम के 5000- 5500 रुपये और फटकी क्वालिटी के 2000-4000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। आंध्र प्रदेश में नई फसल की आवक फरवरी महीने में बनेगी। नई फसल तक आंध्र प्रदेश में कुल उपलब्धता पर्याप्त है। वैसे भी अक्टूबर-नवंबर महीने में मध्य प्रदेश में नई फसल आ जाएगी। मध्य प्रदेश में लाल मिर्च का उत्पादन लगभग 32-35 लाख बोरी होने की संभावना है जोकि पिछले साल के लगभग बराबर ही है। मध्य प्रदेश की लाल मिर्च का ज्यादातर उपयोग पाउडर बनाने में होता है जबकि भारत से सबसे ज्यादा निर्यात 334 क्वालिटी लाल मिर्च का होता है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से जुलाई के दौरान लाल मिर्च निर्यात में 32 फीसदी की कमी आकर कुल निर्यात 55,000 टन का ही हुआ है। जबकि पिछले साल की समान अवधि में निर्यात 81,000 टन का हुआ था। निर्यात में गिरावट पाकिस्तान में लाल मिर्च की घरेलू पैदावार में बढ़ोतरी होना है। पिछले साल जहां पाकिस्तान ने भारत से भारी मात्रा में आयात किया था वहीं चालू वर्ष में पाकिस्तान निर्यात कर रहा है। चीन में भी घरेलू पैदावार बढ़ी है। भारत की तुलना में पाकिस्तान और चीन कम भाव पर बिकवाली कर रहे हैं। रमजान के बाद बांग्लादेश और इंडोनेशिया की मांग में इजाफा होने की संभावना है। (कमोडिटी ......R.एस. राणा)

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