कुल पेज दृश्य

29 सितंबर 2009

कपास की आवक बढ़ने के बावजूद भाव तेज

गुजरात की मंडियों में कपास की दैनिक आवक बढ़ने के बावजूद भाव तेज बने हुए हैं। सोमवार को मंडियों में कपास की दैनिक आवक बढ़कर करीब दस हजार गांठ (एक गांठ 170 किलो) की हो गई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले एक सप्ताह में कॉटन की कीमतों में 2.58 फीसदी की गिरावट आई है लेकिन घरेलू मिलों की अच्छी मांग से शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव इस दौरान 22,400-22,500 रुपये से बढ़कर 22,600-22,800 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) हो गए। अहमदाबाद के कॉटन व्यापारी ने बताया कि गुजरात की मंडियों में कॉटन की दैनिक आवक बढ़कर 10,000 गांठ की हो गई है जबकि 19 सितंबर को इसकी आवक 4000 गांठों की थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले एक सप्ताह में तो कॉटन की कीमतों में 2.58 फीसदी की गिरावट आई है लेकिन पिछले एक महीने में इसकी कीमतों में 4.63 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।न्यूयार्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में कॉटन के अक्टूबर वायदा अनुबंध के भाव 28 सितंबर को 60.60 सेंट प्रति पाउंड रह गए जबकि 18 सिंतबर को इसके भाव 63.18 सेंट प्रति पाउंड थे। 25 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अक्टूबर अनुबंध के भाव 55.97 सेंट प्रति पाउंड थे। मैसर्स कमल कॉटन ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर राकेश राठी ने बताया कि चालू फसल सीजन में देश में कॉटन की पैदावार में बढ़ोतरी की संभावना है। लेकिन चीन में प्रतिकूल मौसम से कॉटन की फसल को नुकसान होने की संभावना है जिससे भारत से कॉटन के निर्यात में बढ़ोतरी की संभावना है। गत वर्ष भारत से चीन की आयात मांग कमजोर रही थी। भारत से कॉटन के निर्यात में बढ़ोतरी होने की संभावना के कारण ही इस समय घरेलू मिलों की भी अच्छी मांग बनी हुई है। चालू कपास सीजन के दौरान अक्टूबर से अगस्त तक कुल 34.35 लाख गांठ कॉटन निर्यात के सौदे हुए जबकि कॉटन निर्यात का लक्ष्य 55 लाख गांठ का था। कॉटन एडवाइजरी बोर्ड (सीएबी) के मुताबिक वर्ष 2007-08 में देश से 88.5 लाख गांठ का निर्यात हुआ था। सीएबी के मुताबिक वर्ष 2009-10 में देश में कॉटन का उत्पादन बढ़कर 305 लाख गांठ होने की संभावना है जबकि पिछले साल 290 लाख गांठ का हुआ था।राठी के अनुसार गुजरात की मंडियों में पिछले एक सप्ताह में कॉटन की कीमतों में 200-300 रुपये की तेजी आकर शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव बढ़कर 26,600-26,800 रुपये प्रति कैंडी हो गये। हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भाव घटने से पिछले दो-तीन दिनों से घरेलू बाजार में भाव स्थिर बने हुए हैं लेकिन आगामी दिनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी की ही संभावना है। उत्तर भारत के प्रमुख उत्पादक राज्यों हरियाणा, पंजाब और राजस्थान की मंडियों में सोमवार को कपास की दैनिक आवक करीब 1,000 गांठ और महाराष्ट्र की मंडियों में 300 गांठ की हुई। (बिज़नस भास्कर)

कोई टिप्पणी नहीं: