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26 सितंबर 2009

मसालों के निर्यात को लगा आघात

कोच्चि September 25, 2009
मसाले के निर्यात में गिरावट बदस्तूर जारी है और चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से अगस्त की अवधि में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 10 फीसदी की गिरावट आई है।
साथ ही निर्यात से प्राप्त होने वाली रकम में भी 9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, अप्रैल और जुलाई की अवधि में निर्यात के लिहाज से स्थिति कुछ सुधरी है, क्योंकि इस दौरान कारोबार की मात्रा में 14 फीसदी की गिरावट आई है, जबकि इससे प्राप्त होने वाली रकम में 10 फीसदी की गिरावट आई है।
मसाला बोर्ड के ताजा आंकडाें के अनुसार भारत 2090.57 करोड रुपये मूल्य के 201,410 टन निर्यात लक्ष्य को हासिल कर सकता है। अगस्त में निर्यात की मात्रा में मामूली बढ़ोतरी हुई है और पिछले साल अगस्त के 32,880 टन की अपेक्षा यह 34,025 टन रही जो 3.5 फीसदी की बढ़ोतरी को दर्शाता है।
हालांकि, निर्यात मूल्य में 7.7 फीसदी की गिरावट आई है। जुलाई 2009 की तुलना में अगस्त में प्रदर्शन दयनीय रहा है। जुलाई में 460.73 करोड रुपये मूल्य के 40,625 टन मसाले का निर्यात हुआ। इस महीने के दौरान इलायची, हल्दी, आदि के निर्यात में तेजी देखी गई।
अप्रैल-अगस्त के दौरान 126.94 करोड रुपये मूल्य की 8,250 टन काली मिर्च का निर्यात हुआ, जबकि पिछले साल की इसी अवधि के दौरान 187.60 करोड रुपये मूल्य की 11,000 काली मिर्च का निर्यात हुआ था। इस अवधि के दौरान अमेरिका, यूरोपीय देशों को होने वाली काली मिर्च के निर्यात में अप्रैल-अगस्त 2008 के मुकाबले गिरावट आई है।
मिर्च के निर्यात में भी कमी आई है और यह पिछले साल के 96,250 टन के मुकाबले घटकर 67,500 टन रह गया है। हल्दी के निर्यात की बात करें तो अप्रैल-अगस्त 2009 में 165.68 करोड़ रुपये मूल्य की 25,500 टन हल्दी का निर्यात हुआ जबकि पिछले साल की समान अवधि में 190.64 करोड रुपये मूल्य की 24,875 टन हल्दी का निर्यात हुआ था।
लहसुन के निर्यात में तेजी आई और और पिछले साल की समान अवधि के 1।54 करोड रुपये मूल्य के 485 टन के मुकाबले 4.91 करोड़ रुपये मूल्य के 2,350 टन लहसुन का निर्यात हुआ। (बी स हिन्दी)

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