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20 अक्तूबर 2009

कमोडिटी फ्यूचर ट्रेडिंग पर ट्रांजेक्शन फीस कम होगी

देश के कमोडिटी एक्सचेंजों में फ्यूचर ट्रेडिंग करना सस्ता हो जाएगा। दो प्रमुख राष्ट्रीय कमोडिटी एक्सचेंजों ने भी निवेशकों पर लगने वाली ट्रांजेक्शन फीस में कटौती करने की मंशा जाहिर की है। नेशनल कमोडिटी एंड डेरेवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) और नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एनएमसीई) ने संकेत दिए हैं कि वे अपने सदस्यों के लिए ट्रांजेक्शन फीस घटा सकते हैं। दोनों एक्सचेंजों ने यह कदम देश के सबसे बड़े कमोडिटी एक्सचेंज मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एनएमसीई) द्वारा फीस घटाए जाने के बाद उठाया है। देश का दूसरा सबसे बड़ा कमोडिटी एक्सचेंज एनसीडीईएक्स कोई फैसला लेने से पहले कमोडिटी बाजार नियामक वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) और शेयरधारकों की मंजूरी लेगा। पिछले सप्ताह एमसीएक्स ने ट्रांजेक्शन फीस 4 रुपये से घटाकर 2।5 रुपये प्रति एक लाख रुपये टर्नओवर तय किया था। नई दर 250 करोड़ रुपये तक के औसत दैनिक टर्नओवर पर लागू होगी। फिलहाल एनसीडीईएक्स और एनएमसीई 20 करोड़ रुपये तक के औसत दैनिक टर्नओवर पर 4 रुपये प्रति लाख की दर से फीस वसूलते हैं। एनसीडीईएक्स के चीफ बिजनेस ऑफिसर विजय कुमार ने कहा कि वे जल्द ही लेनदेन शुल्क की समीक्षा करेंगे। शेयरधारकों और एफएमसी से विचार विमर्श के बाद इस पर फैसला किया जाएगा। इसी तरह एनएमसीई के मैनेजिंग डायरेक्टर कैलाश गुप्ता ने भी कहा कि फीस में बदलाव पर जल्द ही कोई फैसला किया जाएगा। इससे पहले जनवरी में एनसीडीईएक्स ने सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक के सत्र में हुए कारोबार पर एक समान 3 रुपये प्रति लाख शुल्क और दूसरे सत्र सायं 5 बजे से रात 11 बजे तक के कारोबार पर पांच पैसे शुल्क लगाने की घोषणा की थी। लेकिन तब एफएमसी ने इस प्रस्ताव को मंजूर नहीं किया था। एनसीडीईएक्स के चीफ बिजनेस ऑफिसर विजय कुमार ने कहा कि उन्होंने इस मामले को लेकर बांबे हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की थी। एफएमसी ने एनसीडीईएक्स के इस प्रस्ताव को इसलिए ठुकरा दिया था क्योंकि उसने सायंकालीन सत्र के लेनदेन शुल्क में भारी कटौती कर दी थी और एफएमसी का कहना था कि इससे अन्य दो प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंजों का कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। अब जब एमसीएक्स ने शुल्क घटा दिया है तो एनसीडीईएक्स भी एफएमसी से इसके लिए मंजूरी चाहती है ताकि वह भी शुल्क घटा सके। विजय कुमार ने कहा कि वे फीस घटाने का फैसला लेने से पहले एफएमसी की इजाजत लेंगे। कोचीन स्थित ब्रोकरेज फर्म जेआरजी वैल्थ के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी) जी. हरीश ने कहा कि एमसीएक्स के फीस घटाने से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा और अन्य कमोडिटी एक्सचेंज भी ऐसा करेंगे। (बिज़नस भास्कर)

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