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30 दिसंबर 2009

मंडियों में कपास की आवक एक फीसदी कम रही

देश की घरेलू मंडियों में कपास की आवक एक अक्टूबर से 26 दिसंबर के दौरान 112।6 लाख गांठ (प्रति गांठ 170 किलो) रही है। गत वर्ष की समान अवधि के मुकाबले यह करीब एक फीसदी कम है। प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों आंध्र प्रदेश और पंजाब में आवक में गिरावट दर्ज की गई है, हालांकि गुजरात में आवक बढ़ने से गिरावट की कुछ भरपाई हो गई। कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार आंध्र प्रदेश में कपास की आवक 40 फीसदी घटकर 13.1 लाख गांठ जबकि पंजाब में आवक 27.4 फीसदी गिरकर 9.80 लाख गांठ रही। दक्षिण राज्यों में कपास की कुल आवक करीब 36 फीसदी घटकर 16.3 लाख गांठ रही, जबकि उत्तरी राज्यों में आवक 11.4 फीसदी घटकर 24.2 लाख गांठ दर्ज की गई। एक अन्य महत्वपूर्ण कपास उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में कपास की आवक इस अवधि में 3.1 फीसदी घटकर 21.3 लाख टन रही, जबकि देश के सबसे बड़े उत्पादक राज्य गुजरात में कपास की आवक 58 फीसदी बढ़कर 40.3 लाख गांठ रही। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े कपास उत्पादक भारत में 26 दिसंबर को खत्म हुए सप्ताह में आवक 1.80 लाख गांठ रही जो एक सप्ताह पहले के दो लाख गांठ से कुछ कम है। कॉटन एडवायजरी बोर्ड को उम्मीद है कि चालू फसली वर्ष में देश का कपास उत्पादन 295 लाख गांठ रहेगा। नवंबर में जारी किए गए अनुमान में कहा गया था कि उत्पादन 305 लाख गांठ रह सकता है। सूखे और मानसून में देरी के कारण इस वर्ष देश में कपास की उत्पादकता घटने की आशंका है। फसली वर्ष 2008-09 में 290 लाख गांठ कपास का उत्पादन देश में हुआ था। (बिज़नस भास्कर)

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