कुल पेज दृश्य

23 जनवरी 2010

मार की अरहर 27 सस्ती

अरहर की ऊंची कीमतों की मार झेल रहे उपभोक्ताओं को जल्दी ही राहत मिलने की संभावना है। पिछले एक महीने में म्यांमार के निर्यातकों ने अरहर की कीमतों में 27.6 फीसदी की कमी कर दी है तथा घरेलू थोक बाजार में भी इसके दाम करीब 21 फीसदी घट चुके हैं। इसलिए उम्मीद है कि जल्दी ही फुटकर में भी इसकी कीमतें नीचे आ जाएंगी। घरेलू बाजार में पिछले एक महीने में उड़द के दाम करीब 17 फीसदी घटे हैं लेकिन आयातित उड़द की कीमतों में इस दौरान मात्र चार फीसदी का मंदा आया है।ग्लोबल दाल इंडस्ट्रीज के डायरेक्टर चंद्रशेखर एस. नादर ने बताया कि अरहर की घरेलू फसल की आवक बनने के कारण म्यांमार के निर्यातकों ने भाव घटाने शुरू कर दिए हैं। म्यांमार के निर्यातक फरवरी- मार्च शिपमेंट अरहर निर्यात के सौदे 925-940 डॉलर प्रति टन में बिकवाली कर रहे हैं लेकिन भारतीय आयातकों इन भावों में भी खरीद नहीं कर रहे हैं। जिससे मौजूदा कीमतों में और गिरावट की संभावना है। 18 दिसंबर को लेमन अरहर के भाव मुंबई पहुंच 1300 डॉलर प्रति टन थे। इस दौरान आयातित उड़द के भाव मुंबई में 1060-1160 डॉलर से घटकर 1020-1120 डॉलर प्रति टन रह गए। फुटकर बाजार में उड़द की दाल 72-74 रुपये और अरहर की 85-87 रुपये प्रति किलो चल रही है लेकिन जल्दी ही इन भावों में गिरावट की संभावना है।बंदेवार दाल एंड बेसन मिल के मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील बंदेवार ने बताया कि घरेलू मंडियों में अरहर की कीमतें घटकर 4700-4800 रुपये प्रति क्विंटल और आयातित अरहर के भाव मुंबई में 4400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। दिसंबर के मध्य में मंडियों में देसी अरहर के भाव 6000 रुपये प्रति क्विंटल थे। घरेलू मंडियों में उड़द के भाव इस दौरान घटकर 4500- 4600 रुपये प्रति क्विंटल और आयातित उड़द के 4100 रुपये प्रति क्विंटल रह गये। दिसंबर के मध्य में इसके भाव उत्पादक मंडियों में 5800 रुपये प्रति क्विंटल थे। म्यांमार के अलावा भारत में भी उड़द की नई फसल आंध्र प्रदेश की अगले महीने आएगी। लेकिन घरेलू मंडियों में पुराना स्टॉक सीमित मात्रा में होने के कारण मौजूदा कीमतों में भारी गिरावट के आसार नहीं है। लेकिन अरहर का घरेलू उत्पादन तो बढ़ेगा ही साथ में म्यांमार की नई फसल को देखते हुए मौजूदा कीमतों में और भी 10-15 फीसदी की गिरावट आने के आसार हैं।दलहन व्यापारी बिजेंद्र गोयल ने बताया कि कई राज्यों में दलहन के स्टॉक पर लिमिट लगी हुई है इसलिए व्यापारियों के साथ ही मिलर भी सीमित मात्रा में ही स्टॉक कर पाएंगे। ऐसे में आगामी दिनों में अरहर की मौजूदा कीमतों में और भी गिरावट की ही संभावना है।कृषि मंत्रालय के मुताबिक अरहर का उत्पादन पिछले साल के 23.1 लाख टन से बढ़कर 24.7 लाख टन होने की संभावना है। खरीफ में उड़द का उत्पादन 8.8 लाख टन होने का अनुमान है जबकि रबी उड़द की बुवाई में भी बढ़ोतरी हुई है।पते की बात..कई राज्यों में दलहन की स्टॉक लिमिट होने से व्यापारियों की खरीद क्षमता सीमित है। ऐसे में आगामी दिनों में अरहर की मौजूदा कीमतों में और भी गिरावट की संभावना है। (बिसनेस भास्कर....आर अस राणा)

कोई टिप्पणी नहीं: