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18 जनवरी 2010

बदला गेहूं का गणित

सरकारी नीतियों ने गेहूं के कारोबार का गणित बदल दिया है। दिल्ली के बजाय अब दक्षिण भारत की फ्लोर मिलों को सस्ता गेहूं मिल रहा है। एफसीआई के गेहूं का उठाव सीमित मात्रा में होने के कारण दिल्ली की ज्यादातर फ्लोर मिलों को खुले बाजार से 1,460-1,480 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदना पड़ रहा है जबकि कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश की फ्लोर मिलों को 1,440 से 1,450 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं मिल रहा है। एक और समस्या है कि दिल्ली के खुले बाजार में गेहूं की कीमतें हरियाणा, चंडीगढ़ और पंजाब से कम हैं। इस कारण सरकारी गेहूं की बिक्री खुले बाजार में होने की भी आशंका बनी हुई है। पंजाब और चंडीगढ़ में एफसीआई 1,239।89 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर गेहूं बेच रहा है।दिल्ली के एक फ्लोर मिलर ने बताया कि यहां भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं की बिक्री के लिए फ्लोर मिलों को प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र लाना अनिवार्य कर रखा है। इसलिए दिल्ली की 14-16 मिलें ही एफसीआई से निविदा के माध्यम से गेहूं ले पा रही हैं। दिल्ली में एफसीआई ने गेहूं की निविदा का रिजर्व मूल्य 1254.08 तय कर रखा है। जिन फ्लोर मिलों को एफसीआई से गेहूं नहीं मिल रहा है, उन्हें खुले बाजार से गेहूं की खरीद करनी पड़ रही है जहां भाव 1460-1480 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है। वैसे भी इस समय उत्पादक राज्यों में स्टॉक सीमित मात्रा में होने के कारण दिल्ली में गेहूं की आवक घटकर 4,000-5,000 क्विंटल की ही रह गई है। दिल्ली में दाम ज्यादा होने और पड़ोसी राज्यों में एफसीआई का बिक्री भाव कम होने से सरकारी गेहूं की कालाबाजारी होने का अंदेशा बना हुआ है।बंगलुरू स्थित मैसर्स प्रवीन कॉमर्शियल कंपनी के डायरेक्टर नवीन कुमार ने बताया कि एफसीआई द्वारा ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिकवाली बढ़ा दिए जाने से कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश की मिलों ने उत्तर भारत से खरीद बंद कर दी है। कर्नाटक में एफसीआई ने गेहूं निविदा का रिजर्व मूल्य 1407.04 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है जा मिल पहुंच 1,440 रुपये प्रति क्विंटल पड़ रहा है। चालू महीने में अभी तक एफसीआई दो बार निविदा जारी कर चुकी है।पहली बार 60 हजार टन में से मात्र 36 हजार टन गेहूं का उठाव हुआ था। इसी तरह तमिलनाडु में एफसीआई ने निविदा का रिजर्व मूल्य 1410.42 रुपये और आंध्र प्रदेश में 1,380.17 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। इसमें लोकल परिवहन और टैक्स अलग हैं। घरेलू बाजार में ढाई-तीन महीने बाद नई फसल की आवक शुरू हो जाएगी तथा मार्च में गेहूं की नई खरीद शुरू होगी। एफसीआई ने नए खरीद सीजन के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1,100 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। बात पते कीदिल्ली में इस समय गेहूं के जो दाम चल रहे हैं, वह पंजाब-हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों में एफसीआई के रेट से ज्यादा हैं। अगर यही रुख बना रहा तो दिल्ली में गेहूं की कालाबाजारी भी हो सकती है।केंद्र सरकार के पास मौजूदा समय में है 82 लाख टन के बफर के मुकाबले 230 लाख टन का स्टॉक1460-1480रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं मिल रहा है दिल्ली की फ्लोर मिलों को1460-1450रुपये के भाव मिल रहा गेहूं कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश की मिलों को1239.89रुपये प्रति क्विंटल पंजाब और चंडीगढ़ में एफसीआई के गेहूं का बिक्री भाव दिल्ली में सीमित मात्रा में हो रहा है एफसीआई के गेहूं का उठाव पहली निविदा में 60 हजार टन में से सिर्फ 36 हजार टन का उठावदूसरी निविदा में भी 25 हजार टन गेहूं का उठाव होने की संभावना (बिज़नस भास्कर.....आर अस राणा)

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