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28 जनवरी 2010

पीएम को भी चीनी उद्योग से नहीं मिला स्पष्ट भरोसा

चीनी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा बुलाई गई बैठक में भी कोई स्पष्ट दिशा नहीं दिखाई दी। चीनी उद्यमियों ने प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन को भरोसा दिलाया की घरेलू बाजार में चीनी की कीमतें आयातित कीमतों से ज्यादा नहीं होंगी। लेकिन उद्यमियों ने ऐसा कोई आश्वासन नहीं दिया कि विश्व बाजार में और तेजी आने पर भी घरेलू बाजार में दाम और नहीं बढ़ेगे। उन्होंने सिर्फ यह कहा कि विश्व बाजार से दाम ऊपर नहीं जाएंगे। यानि विश्व बाजार में भाव अगर 60 रुपये किलो तक चढ़ते हैं तो घरेलू बाजार में भाव और चढ़ेंगे लेकिन 60 रुपये से ऊपर नहीं जाएंगे। इस मामले में एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि घरेलू बाजार में पहले भी कभी विश्व बाजार से ज्यादा नहीं गए।आयातित व्हाइट शुगर बंदरगाह पर 46 रुपये और रॉ-शुगर (गैर-रिफाइंड चीनी) 44 रुपये प्रति किलो पड़ रही है। बुधवार को कृषि मंत्री शरद पवार के नेतृत्व में इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री के साथ बैठक में प्रधानमंत्री को बताया कि मिलों को ऊंचे दाम पर गन्ने की खरीद करनी पड़ रही है तथा लेवी की 20 फीसदी चीनी देने के बाद मिलों की लागत बढ़कर 3800 रुपये प्रति क्विंटल के करीब बैठ रही है। इस्मा के कार्यवाहक महासचिव एम. एन. राव ने पत्रकारों को बताया कि मिलों को गन्ने की खरीद 250 रुपये प्रति क्विंटल की दर से करनी पड़ रही है तथा रिकवरी में कमी आने और 20 फीसदी लेवी में सस्ते दामों पर चीनी देने के कारण मिलों की औसत लागत बढ़ गई है। इस समय चीनी की एक्स-फैक्ट्री कीमत 3800 रुपये प्रति क्विंटल बैठ रही है। इसके अलावा आयातित चीनी के भाव रिकार्ड स्तर पर चल रहे हैं। आयातित व्हाइट चीनी भारतीय बंदरगाह पर करीब 46 रुपये और रॉ-शुगर (गैर-रिफाइंड चीनी) करीब 44 रुपये प्रति किलो पड़ रही है। चालू पेराई सीजन 2009-10 में भारतीय मिलों ने 45 लाख टन चीनी के आयात सौदे किए हैं तथा इसमें से करीब 25 लाख टन चीनी भारतीय बंदरगाहों पर पहुंच भी चुकी है।राव ने बताया कि आगामी पेराई सीजन पर स्टॉक बनाए रखने के लिए मिलों को करीब 16 लाख टन चीनी का और आयात करना पड़ेगा। भारत के साथ ही विश्व में भी चीनी का उत्पादन कम रहा है इसलिए भारत के साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की ऊंची कीमतें बनी हुई है। इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन में 31 दिसंबर तक देश में चीनी के उत्पादन में 2.3 फीसदी की कमी आकर कुल उत्पादन 59 लाख टन हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 60.4 लाख का उत्पादन हुआ था। बुधवार को चीनी के एक्स-फैक्ट्री भाव 3625 से 3800 रुपये और दिल्ली बाजार में थोक कीमतें 3775 से 3950 रुपये प्रति क्विंटल रही।बात पते कीघरेलू बाजार में चीनी के दाम पहले भी कभी विश्व बाजार से ज्यादा नहीं हुए। उद्योग ने ऐसा कोई आश्वासन नहीं दिया कि विश्व बाजार में दाम और बढ़ने पर घरेलू मूल्य और नहीं बढ़ेगे। (बिज़नस भास्कर.....आर अस राणा)

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