कुल पेज दृश्य

18 जनवरी 2010

थोक में चीनी के भाव फैक्ट्री से भी कम

चीनी के थोक भाव एक्स-फैक्ट्री कीमतों से भी नीचे आ गए हैं। स्टॉकिस्टों की घबराहटपूर्ण बिकवाली से पिछले चार दिनों में चीनी की कीमतों में करीब दस फीसदी की गिरावट आ चुकी है। दिल्ली थोक बाजार में चीनी के दाम घटकर 3800-4000 रुपये प्रति क्विंटल रह गये जबकि इसकी एक्स-फैक्ट्री कीमतें 3840-4100 रुपये प्रति क्विंटल हैं। बिकवाली का दबाव होने और मांग न होने से मौजूदा कीमतों में 400-500 रुपये प्रति क्विंटल की अतिरिक्त गिरावट आने की संभावना है।दिल्ली के एक थोक चीनी कारोबारी ने बताया कि स्टॉकिस्टों की भारी बिकवाली बनी हुई है लेकिन मांग नहीं निकल रही है। इसीलिए पिछले चार दिनों में चीनी की कीमतों में करीब दस फीसदी की गिरावट आ चुकी है। व्यापारी 27 जनवरी को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ राज्यों के मुख्यमंत्रियों की होने वाली बैठक से पहले नई खरीद से परहेज कर रहे हैं। हालत यह है कि चीनी मिलें जो बिक्री भाव तय करती हैं स्टॉकिस्ट उससे 50-100 रुपये प्रति क्विंटल घटाकर बिकवाली भाव निकाल देते हैं।इसके कारण मिलों को अगले दिन बिक्री भाव घटाने पड़ रहे हैं। दिल्ली बाजार में इस समय करीब 50-75 हजार क्विंटल चीनी स्टॉकिस्टों के पास है। चीनी की एक्स-फैक्ट्री और दिल्ली थोक बाजार की कीमतों में 150 रुपये प्रति क्विंटल का अंतर होना चाहिए। लेकिन खरीदार न होने और बिकवाली का दबाव होने से मिलें जो बिक्री भाव निकाल रही हैं स्टॉकिस्ट उसके मुकाबले 50-100 रुपये प्रति क्विंटल भाव घटाकर बिकवाली कर रहे हैं जिससे गिरावट को बल मिल रहा है। दिल्ली थोक बाजार में चीनी के दाम बढ़कर 4500-4600 रुपये प्रति क्विंटल हो गये थे लेकिन 16 जनवरी को अधिकारी ने बताया कि 27 जनवरी को मुख्यमंत्रियों की प्रधानमंत्री के साथ होने वाली बैठक में उत्तर प्रदेश में रॉ-शुगर (गैर-रिफाइंड चीनी) के आयात पर लगी रोक हटने की संभावना है। अगर उत्तर प्रदेश सरकार रॉ-शुगर आयात पर से रोक हटा लेती है तो बंदरगाह पर पड़ी नौ लाख टन चीनी के रिफाइंड होने का रास्ता साफ हो जायेगा। उन्होंने कहा कि रॉ-शुगर आयात पर से उत्तर प्रदेश सरकार रोक हटा ले और सभी राज्य जमाखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें तो चीनी की मौजूदा कीमतों में और 400-500 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आने की संभावना है। फुटकर बाजार में भी पिछले चार दिनों में चीनी की कीमतों में दो-तीन रुपये प्रति किलो की गिरावट आकर भाव 41-42 रुपये प्रति किलो रह गये। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)

कोई टिप्पणी नहीं: