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11 जनवरी 2010

लंबे अरसे तक नहीं टिकेगी जौ की मंदी

प्रमुख उत्पादक राज्यों में बकाया स्टॉक ज्यादा होने के साथ ही माल्ट निर्माताओं की मांग कमजोर होने से जौ की कीमतों में गिरावट आई है। उत्पादक मंडियों में जौ का करीब 11-12 लाख क्विंटल का स्टॉक बचा है जबकि डेढ़-दो महीने बाद उत्पादक मंडियों में नई फसल की आवक शुरू हो जाएगी। पिछले साल के मुकाबले बुवाई क्षेत्रफल भी बढ़ा है तथा मौसम भी फसल के अनुकूल बना हुआ है जिससे पैदावार में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इसीलिए माल्ट कंपनियों ने जौ की खरीद पहले की तुलना में कम कर दी है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी सीजन में देश में जौ की बुवाई बढ़कर 7.63 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 7.15 लाख हैक्टेयर से ज्यादा है। अभी तक मौसम भी फसल के अनुकूल बना हुआ है इसलिए जौ की पैदावार पिछले साल से ज्यादा होने की संभावना है। वर्ष 2008-09 में भारत में जौ का उत्पादन 15.4 लाख टन का हुआ है जो वर्ष 2007-08 के 12 लाख टन से ज्यादा था।माल्ट उद्योग की मांग कमजोर होने से पिछले एक पखवाड़े में हाजिर बाजार और वायदा में जौ के दाम करीब तीन फीसदी घटे हैं। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती है, बीयर उद्योग की मांग कम हो जाती है। लेकिन जौ के दाम मोटे अनाजों में सबसे कम हैं इसलिए कैटल फीड की मांग अच्छी बनी हुई है इसलिए मौजूदा कीमतों में 15-20 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट तो आ सकती है लेकिन भारी गिरावट के आसार नहीं है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भाव कम होने के कारण भारत से जौ में निर्यात मांग भी नहीं निकल रही है लेकिन प्रमुख उत्पादक देशों यूरोप, रुस और यूक्रेन में जौ का उत्पादन कम होने की आशंका है। ऐसे में आगामी महीने में भारत से निर्यात मांग निकलने की उम्मीद है।अमेरिकी कृषि विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार यूरोप के देशों में जौ का उत्पादन 655 लाख टन से घटकर 620 लाख टन होने की संभावना है। इसके अलावा रूस में भी पिछले साल 231 लाख टन जौ का उत्पादन हुआ था लेकिन इस बार उत्पादन घटकर 180 लाख टन होने की आशंका है। उधर यूक्रेन में जौ का उत्पादन 126 लाख टन से घटकर 120 लाख टन ही रहने की उम्मीद है। माल्ट उद्योग की कमजोर मांग से जौ की कीमतों में 20 रुपये की गिरावट आकर जयपुर मंडी में भाव 930-940 रुपये और अलवर में 940-950 रुपये प्रति क्विंटल रह गये।हरियाणा की मंडियों में जौ के प्लांट डिलीवरी भाव घटकर 950-960 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। चालू सप्ताह में गंगानगर से एक माल्ट कंपनी ने 50 हजार क्विंटल जौ की खरीद 950 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की है। फरवरी में माल्ट निर्माताओं की मांग निकलनी शुरू हो जाती है जबकि उत्पादक मंडियों में नई फसल की आवक मार्च में बनेगी। ऐसे में फरवरी महीने में माल्ट निर्माताओं की मांग तो बढ़ेगी ही, अगर निर्यात मांग भी निकली तो अच्छी तेजी की संभावना है। (बिज़नस भास्कर.....आर अस राणा)

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