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15 मार्च 2010

मांग बढ़ने से विदेश में कॉटन 5.5 फीसदी महंगा

चीन, पाकिस्तान और बंग्लादेश की मांग बढ़ने से पिछले एक महीने में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉटन की कीमतें 5.56 फीसदी बढ़ी हैं। न्यूयॉर्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में मई वायदा अनुबंध के भाव 12 मार्च को बढ़कर 80.47 सेंट प्रति पाउंड हो गए। वर्ष 2010-11 में विश्व में कॉटन का कुल उत्पादन मांग के मुकाबले कम है, इसीलिए मौजूदा कीमतों में और तेजी की संभावना है। नार्थ इंडिया कॉटन एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश राठी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि विश्व में खपत के मुकाबले कॉटन का उत्पादन कम है, इसीलिए विदेशी बाजार में कीमतें तेज बनी हुई हैं। इस समय चीन, पाकिस्तान और बंगलादेश की भारी मांग बनी हुई है। इन देशों की मांग बढ़ने के कारण ही पिछले पांच महीने में भारत से कॉटन का निर्यात पिछले पूर साल से भी ज्यादा हो चुका है। टैक्सटाईल कमिश्वर के अनुसार चालू सीजन के पहले पांच महीनों (अक्टूबर=09 से फरवरी-10 तक) में ही देश से 41 लाख गांठ कॉटन का निर्यात हो चुका है जबकि पिछले साल कुल निर्यात 31 लाख गांठ का ही हुआ था। निर्यातकों की भारी मांग को देखते हुए चालू सीजन में भारत से कुल निर्यात 70 लाख गांठ का होने का अनुमान है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉटन के दाम पिछले एक साल में करीब 37.64 फीसदी बढ़ चुके हैं। हालांकि इस दौरान घरलू बाजार में कीमतें 27 फीसदी ही बढ़ी हैं।पिछले एक महीने में ही विदेशी बाजार में इसकी कीमतों में 5.56 फीसदी की तेजी आकर 12 मार्च को भाव बढ़कर 80.47 सेंट प्रति पाउंड हो गए। मालूम हो कि न्यूयार्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में मई वायदा अनुबंध के भाव 12 मार्च 2009 को 42.83 सेंट प्रति पाउंड थे। उधर, चाइना कॉटन एसोसिएशन के अनुसार चीन का काटॅन आयात सितबंर-09 से जनवरी-10 तक के दौरान 55 फीसदी बढ़कर 8.50 लाख गांठ हो गया। घरलू बाजार में संकर-6 किस्म की कॉटन के भाव शनिवार को 26,800 से 26,800 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) हो गए। 13 मार्च 2009 को इसका भाव 20,800 से 21,000 रुपये प्रति कैंडी था। कॉटन निर्यातक एस. मिरानी ने बताया कि विदेशी मांग को देखते हुए आगामी दिनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉटन के दाम बढ़कर 90 सेंट प्रति पाउंड हो सकते हैं।ऐसे में घरलू बाजार में भी कॉटन की कीमतें बढ़कर 28,000 से 29,000 प्रति कैंडी हो जाने की संभावना है। कॉटन एडवाइजरी बोर्ड के अनुसार चालू सीजन में देश में कॉटन का उत्पादन वर्ष 2008-09 के 290 लाख गांठ से बढ़कर 295 लाख गांठ होने का अनुमान है। फरवरी के आखिर तक उत्पादक मंडियों में करीब 211 लाख गांठ की आवक हो चुकी है। इंटरनेशनल कॉटन एडवाइजरी कमेटी (आईसीएसी) के अनुसार विव्श्र में वर्ष 2010-11 में कॉटन का उत्पादन 1120 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) होने का अनुमान है जबकि इस दौरान खपत 1140 लाख गांठ की होने की संभावना है। वर्ष 2010-11 में कॉटन का निर्यात पिछले साल के 340 लाख गांठ से बढ़कर 350 लाख गांठ का होने का अनुमान है। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)

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