कुल पेज दृश्य

19 मार्च 2010

फिलहाल नहीं बढ़ेगा लेवी चीनी का मूल्य

लेवी चीनी की कीमतों में फिलहाल कोई बढ़ोतरी होने वाली नहीं है। इसका आशय है कि चीनी मिलों को लागत बढ़ने के बावजूद 20 फीसदी चीनी छह साल पुराने मूल्य पर लेवी के रूप में सरकार को देनी पड़ेगी। गन्ना महंगा होने से लागत बढ़ने के कारण लेवी चीनी बिक्री में मिलों का घाटा और बढ़ गया है। इससे मिलों पर खुले बाजार में बिक्री के जरिये घाटे की भरपाई का दबाव कहीं ज्यादा रहेगा।खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि घरलू उत्पादन मांग के मुकाबले कम है तथा आम उपभोक्ता को सस्ती चीनी मिले इसलिए सरकार लेवी चीनी की कीमतें अभी नहीं बढ़ाएगी। लेवी चीनी के दाम 1300 रुपये प्रति क्विंटल है तथा महाराष्ट्र में इसका भाव 1345 रुपये प्रति क्विंटल है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के जरिये वितरण के लिए चीनी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने लेवी चीनी की मात्रा भी एक अक्टूबर को 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी थी।इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के कार्यवाहक महासचिव एम. एन. राव ने बताया कि सरकार ने 2003-04 के बाद से लेवी चीनी की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है जबकि इस दौरान गन्ने के दाम बढ़ने से मिलों की लागत में भारी बढ़ोतरी हो चुकी है। इस समय चीनी मिलें किसानों से 250 से 270 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गन्ना खरीद रही हैं। राव का दावा है कि उत्पादन खर्च और लेवी चीनी के घाटे की भरपाई जोड़ने के बाद मिलों की लागत 3400-3500 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। जबकि उत्तर प्रदेश में एक्स-फैक्ट्री दाम इस समय 3200-3300 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। इस्मा के अनुसार सात मार्च तक देश में 143.75 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 11 फीसदी ज्यादा है। पिछले साल इस समय तक 129.50 लाख टन उत्पादन हुआ था। चालू पेराई सीजन (अक्टूबर से सितंबर) के दौरान देश में चीनी का कुल उत्पादन 160 लाख टन के बजाय 168.45 लाख टन होने का अनुमान है। सात मार्च तक देश में 317 चीनी मिलों में पेराई चालू थी, जबकि पिछले साल इस समय तक मात्र 145 मिलों में ही पेराई हो रही थी।शुगर निदेशालय के सूत्रों के अनुसार अप्रैल से अभी तक 56 लाख टन रॉ-शुगर (गैर-रिफाइंड चीनी) के आयात सौदे हो चुके हैं। इसमें से 46 लाख टन रॉ शुगर भारतीय बंदरगाहों पर पहुंच चुकी है। इसके अलावा करीब 13 लाख टन व्हाइट शुगर (चीनी) के आयात सौदे हुए तथा इसमें से 7.5 लाख टन भारत पहुंच चुकी है। खुले बाजार में पिछले एक महीने में चीनी की कीमतों में करीब 1000 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। दिल्ली थोक बाजार में चीनी के दाम 3350-3450 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। सरकारी सूत्रों के अनुसार बड़े उपभोक्ताओं पर स्टॉक लिमिट की अवधि घटाने और विदेशी में भाव कम होने से घरलू बाजार में चीनी के दाम घटे हैं। विदेशी बाजार में हाल ही में चीनी की कीमतों में भारी गिरावट आई है। आगे भी चीनी के मूल्य में सुस्ती का रुख जारी रहने की संभावना है।बात पते कीदेश में 143.75 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 11 फीसदी ज्यादा है। इन दिनों पेराई कर रही मिलों की संख्या पिछले साल से दोगुने से ज्यादा है। (बिज़नस भास्कर.....आर अस राणा)

कोई टिप्पणी नहीं: