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20 मार्च 2010

जारी रहेगी खाद्य तेल में नरमी

नई दिल्ली March 19, 2010
खाद्य तेल में लगातार नरमी का रुख है। दक्षिण अमेरिका में सोयाबीन के अधिक उत्पादन का असर खाद्य तेल बाजार पर दिखने लगा है।
सोयाबीन तेल की कीमत इंदौर मंडी में 455 रुपये प्रति 10 किलो तो सरसों तेल के भाव 470 रुपये प्रति 10 किलोग्राम तक हो चुके हैं। पिछले 10-15 दिनों के दौरान दोनों तेल की कीमतों में 1 रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट आ चुकी है।
तेल कारोबारियों के मुताबिक वनस्पति तेल में तेजी की कोई संभावना नहीं है। घरेलू बाजार में सरसों की आवक शुरू हो चुकी है। अभी नए सरसों की आवक मुश्किल से 25-30 फीसदी हो रही है। सरसों की पूरी फसल के बाजार में आने के बाद इसकी कीमत में 2 रुपये प्रति किलोग्राम तक की गिरावट हो सकती है।
फिलहाल सरसों के भाव अलवर मंडी में 2300 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। कारोबारियों के मुताबिक अप्रैल तक सरसों की कीमत 2100 रुपये प्रति क्विंटल तक हो सकती है और तब सरसों तेल के भाव 450 रुपये प्रति 10 किलोग्राम तक हो जाएंगे।
इस साल पिछले साल के मुकाबले लगभग 1.5 लाख टन अधिक सरसों उत्पादन का अनुमान है। इसके अलावा पिछले सीजन का 8 लाख टन सरसों भी बाजार में मौजूद है। इस प्रकार सरसों तेल में अगले दो माह तक किसी प्रकार की तेजी की गुंजाइश नहीं है।
कारोबारी कहते हैं कि अगर अन्य तेल में चाहे वह पाम तेल हो या सोयाबीन, तेजी आती तो उसके समर्थन में सरसों तेल का भाव भी उठ जाता। सोयाबीन की कीमत इंदौर मंडी में 1950-2000 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास चल रही है। यहां भी किसी प्रकार की तेजी के संकेत नहीं है।
उल्टा दक्षिण अमेरिका में सोयाबीन की बंपर फसल को देखते हुए सोयाबीन तेल के भाव में और गिरावट की संभावना है। मूंगफली तेल में भी कोई तेजी नहीं दर्ज की गई है। कारोबारियों का यह भी कहना है कि गर्मी के दौरान खाद्य तेल की मांग थोड़ी कम हो जाती है।
दूसरी बात है कि अगले एक-दो महीनों में शादी-ब्याह का भी मौसम नहीं है। इसलिए नई मांग निकलने की भी कोई उम्मीद नहीं है। वे यह भी कहते हैं कि सरकार ने कच्चे पाम तेल (सीपीओ) के आयात पर शुल्क लगाने से भी इनकार कर दिया है।
उसी तरह रिफाइंड के आयात पर लगने वाले 7.5 फीसदी के शुल्क में भी कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। कारोबारियों के मुताबिक इन दिनों खाद्य तेल में नरमी के रुख के लिए जिम्मेदार तमाम वजह बाजार में मौजूद है।
खाद्य तेल में मंदी की धार
दक्षिण अमेरिका में सोयाबीन के अधिक उत्पादन का असर देश के खाद्य तेल बाजार पर दिख रहा हैसोयाबीन और सरसों तेल के भाव में भी आ चुकी है कमीवनस्पति तेल में तेजी की संभावना के नहीं दिख रहे हैं आसारसरसों की पूरी फसल बाजार में आने के बाद इसके तेल की कीमत में भी आ सकती है गिरावटपिछले साल की तुलना में इस साल 1।5 लाख टन अतिरिक्त सरसों उत्पादन का है अनुमानमूंगफली तेल में भी तेजी के आसार नहीं (बीएस हिंदी)

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