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20 अप्रैल 2010

हल्दी में फिर चल सकता है लंबी तेजी का दौर

स्टॉकिस्टों के साथ ही मसाला निर्माताओं की मांग बढ़ने से चालू महीने में हाजिर बाजार में हल्दी के दाम दस फीसदी और वायदा में पंद्रह फीसदी तक बढ़ चुके हैं। निजामाबाद मंडी में शनिवार को हल्दी का भाव बढ़कर 12,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गया जबकि एनसीडीईएक्स पर मई महीने के वायदा अनुबंध में भाव 12,502 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। चालू सीजन में देश में हल्दी की पैदावार तो पिछले साल के मुकाबले 11 फीसदी ज्यादा होने की संभावना है। लेकिन पिछले साल स्टॉकिस्टों ने हल्दी का ऊंचा दाम देखा था जबकि इस समय निर्यातकों की अच्छी मांग बनी हुई है। ऐसे में हल्दी में आगे तेजी का दौर बन सकता है लेकिन ऊंचे दाम पर मुनाफावसूली देखने को भी मिल सकती है। चालू सीजन में देश में हल्दी की पैदावार 48 लाख बोरी (प्रति बोरी 70 किलो) होने का अनुमान है जो पिछले साल के मुकाबले पांच लाख बोरी ज्यादा है। पिछले साल देश में हल्दी का कुल उत्पादन 43 लाख बोरी रहा था। वैसे भी नई फसल के समय बकाया स्टॉक करीब तीन लाख बोरी का बचा हुआ था। ऐसे में हल्दी की कुल उपलब्धता 51 लाख बोरी बैठने का अनुमान है। जबकि घरलू और निर्यात मांग को मिलाकर कुल सालाना मांग 46-47 लाख बोरी की होती है। चूंकि पिछले साल हल्दी के दाम बढ़कर रिकार्ड स्तर पर पहुंच गए थे। आगामी सीजन में नई फसल के समय बकाया स्टॉक मात्र चार-पांच लाख बोरी ही बचने की संभावना है। इसीलिए स्टॉकिस्टों को इस साल भी हल्दी की कीमतों में लंबी तेजी की संभावना है। लेकिन एक तो उत्पादक मंडियों में हल्दी की दैनिक आवक बढ़ रही है तथा चालू महीने में ही दाम काफी बढ़ चुके हैं ऐसे में फिलहाल मुनाफावसूली आने से कीमतों में हल्की गिरावट आने का अनुमान लगाया जा रहा है। नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) में एक अप्रैल को मई महीने के वायदा अनुबंध में हल्दी का भाव 10,860 रुपये प्रति क्विंटल था जो शनिवार को बढ़कर 12,502 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। इस दौरान निजामाबाद मंडी में हल्दी के दाम बढ़कर 12,700 रुपये और इरोड में भाव 13,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मालूम हो कि पिछले साल निजामाबाद में हल्दी का भाव 13,500 रुपये और इरोड में 14,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गया था। इरोड मंडी में हल्दी की दैनिक आवक बढ़कर 20,000 हजार बोरी और निजामाबाद में सात हजार बोरी की हो गई है। अन्य मंडियों में भी करीब 12 से 13 हजार बोरी की आवक हो रही है। निजामाबाद मंडी में अभी तक करीब एक लाख बोरी और इरोड में चार लाख बोरियों का स्टॉक हो चुका है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार वित्त वर्ष 2009-10 के अप्रैल से फरवरी के दौरान हल्दी के निर्यात मे छह फीसदी की कमी आई है। इस दौरान कुल 46,000 टन का निर्यात ही हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 48,850 टन का निर्यात हुआ था। लेकिन अब निर्यात मांग सुधर रही है।- आर।एस. राणाrana@businessbhaskar.netबात पते कीपिछले साल हल्दी के दाम रिकार्ड स्तर पर पहुंच गए थे। नई फसल के समय बकाया स्टॉक कम रहने की संभावना है। इसीलिए स्टॉकिस्टों को कीमतों में लंबी तेजी की उम्मीद है। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)

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