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20 अप्रैल 2010

गेहूं के भंडारण को लेकर मुसीबत बढ़ी

चंडीगढ़ April 19, 2010
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के नए चेयरमैन सिराज हुसैन गेहूं की रिकॉर्ड खरीद के भंडारण को लेकर परेशान हैं।
वह हरियाणा और पंजाब में गेहूं के लिए भंडारण सुविधा तलाश रहे हैं क्योंकि सबसे ज्यादा खरीदारी वहीं हुई है। सिराज गोदामों के लिए किराए में इजाफे को भी तैयार हैं और अतिरिक्त गोदामों की व्यवस्था करने के लिए चैंबर ऑफ कॉमर्स और दूसरे संस्थानों से भी बातचीत कर रहे हैं।
इस साल रबी के मौसम में उत्तर भारत के राज्यों में गेहूं की जबरदस्त खरीदारी हुई है। पिछले साल सरकार ने 254 लाख टन गेहूं खरीदा था। वहीं, इस साल उम्मीद है कि गेहूं की खरीदारी 260 लाख टन का नया रिकॉर्ड बनाएगी। इनमें से दो तिहाई खरीद पंजाब और हरियाणा से हुई है। सरकार को अभी 127 लाख टन अतिरिक्त भंडारण सुविधा की जरूरत है।
पंजाब और हरियाणा देश की खाद्य सुरक्षा में सबसे ज्यादा योगदान करते हैं, लेकिन यहां भंडारण सुविधा में कमी देखने को मिल रही है। एफसीआई के चेयरमैन ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि वह स्थिति का जायजा लेने के लिए तीन दिनों के लिए पंजाब, हरियाणा और आस-पास के इलाकों के दौरे पर थे।
पंजाब को 71 लाख टन और हरियाणा को 41 लाख टन अतिरिक्त भंडारण सुविधा की जरूरत है(किसी राज्य में कम से कम 4 महीनों के लिए मौजूद स्टॉक के हिसाब से भंडारण सुविधा की जरूरत का हिसाब लगाया जाता है)। उन्होंने कहा कि विकेंद्रीकृत खरीद राज्यों (डीसीपी) में भंडारण जरूरतों का हिसाब लगाना अभी बाकी है।
बिहार में 3 लाख टन, तमिलनाडु में 3.5 लाख टन, जम्मू कश्मीर में 3.61 लाख टन और हिमाचल प्रदेश में 1.42 लाख टन क्षमता का निर्माण करना होगा। उन्होंने कहा कि 7 साल की गारंटी योजना के तहत भंडारण क्षमता विकसित करने को लेकर निजी क्षेत्र की ओर से उदासीन प्रतिक्रिया मिली है।
उन्होंने कहा, 'पंजाब और हरियाणा में सबसे ज्यादा जरूरत है लिहाजा मैं एफसीआई के प्रस्ताव की कमियों पर बात करने के लिए व्यक्तिगत रूप से यहां के उद्योग मंडलों से संपर्क कर रहा हूं। मैंने उनके सामने बैठकें और इसी तरह की दूसरे कार्यक्रम आयोजित करने का भी प्रस्ताव रखा है ताकि संभावित सहयोगियों को एफसीआई की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जा सके।
उन्होंने कहा कि गादामों की स्थिति के हिसाब से किराये की 4.78 रुपये प्रति क्विंटल प्रति माह की सीमा में बदलाव किए जा सकते हैं, पर ज्यादातर लोगों को इसकी जानकारी नहीं है।
लिहाजा एफसीआई और स्थानीय उद्यमियों के बीच बेहतर बातचीत की जरूरत है ताकि भंडारण क्षमता बढ़ाने में उनकी मदद ली जा सके। जल्दी गर्मी बढ़ने से तेज कटाई के चलते बाजार में गेहूं की भारी आपूर्ति हुई है। (बीएस हिंदी)

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