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11 मई 2010

उत्पादन बढ़ने पर ही चीनी वायदा रोक हटाने पर विचार

कमोडिटी मार्केट रग्यूलेटर, फॉरवर्ड मार्केट कमीशन (एफएमसी) का कहना है कि फुटकर में चीनी के मूल्य में भारी गिरावट आने के बाद भी वह चीनी के वायदा व्यापार पर लगी रोक हटाने की उसे कोई जल्दी नहीं है। एफएमसी के चेयरमैन बी। सी. खटुआ ने कहा कि फिलहाल चीनी वायदा पर रोक हटाने के बार में कोई विचार नहीं किया गया है।पहले चीनी के उत्पादन की स्थिति में सुधार होना चाहिए। सरकार ने चीनी के वायदा कारोबार पर मई 2009 में सात माह के लिए रोक लगाई थी। बाद में चीनी की कमी के चलते दामों के बढ़ जाने के कारण यह रोक सितंबर 2010 तक बढ़ा दी गई।खटुआ ने कहा कि कोई भी निर्णय चालू वर्ष में चीनी के उत्पादन की सही स्थिति सामने आने पर ही लिया जाएगा। कुछ दिन पहले ही खटुआ ने कहा था कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि चीनी की कीमतों में वायदा बाजार का कोई दखल रहा है। इस तरह की शिकायते कुछ नेताओं की तरफ से आई थीं। 2009-10 में चीनी का उत्पादन 160 लाख टन से बढ़कर 180 लाख टन रहने का अनुमान है। दिल्ली में खुदरा में भी चीनी के दामों में गिरावट हुई है। इस साल जनवरी में जहां चीनी के दाम म्क् रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए थे। वहीं अब यह ब्0-32 रुपये प्रति किलो के स्तर पर चल रहा है। (बिज़नस भास्कर)

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