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27 मई 2010

देश में प्याज के रिकॉर्ड उत्पादन की संभावना

देश में इस साल प्याज का उत्पादन बढ़कर 95 लाख टन तक पहुंचने की संभावना है। हालांकि सप्लाई बढ़ने के कारण मूल्य में ज्यादा गिरावट आने की उम्मीद नहीं है क्योंकि उत्पादन लागत में काफी बढ़ोतरी हो चुकी है। नेशनल हॉर्टीकल्चर रिसर्च एंड डवलपमेंट फाउंडेशन (एनएचआरडीएफ) के अतिरिक्त निदेशक सतीश भोंडे ने बताया कि चालू सीजन 2009-10 में प्याज का उत्पादन बढ़कर 95 लाख टन तक पहुंच सकता है जबकि पिछले साल 85 लाख टन प्याज का उत्पादन हुआ था। प्याज उत्पादन विकास के लिए काम करने वाले एनएचआरडीएफ के अधिकारी ने बताया कि इस साल प्याज की प्रति हैक्टेयर पैदावार प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश में 13 फीसदी बढ़कर 16-17 टन तक पहुंच सकती है। पिछले साल औसतन 15 टन प्रति हैक्टेयर पैदावार रही थी। खेती की तकनीक अपनाने और बेहतर सिंचाई के कारण पैदावार में वृद्धि होने की उम्मीद है जबकि प्याज का बुवाई रकबा पिछले साल के बराबर करीब 5।5 लाख हैक्टेयर रहेगा।उन्होंने बताया कि पैदावार बढ़ने के बावजूद प्याज के दाम ज्यादा घटने की गुंजाइश नहीं है। किसान कम दामों पर बिक्री करने के बजाय स्टॉक करने में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं जिससे थोक दाम घटने की संभावना नहीं है। प्याज उत्पादन की लागत बढ़ने के कारण किसान कम दाम पर बिक्री नहीं कर रहे हैं। एनएचआरडीएफ के आंकड़ों के अनुसार एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में प्याज के दाम इन दिनों करीब 6-7 रुपये प्रति किलो चल रहे हैं। गर्मियों की रबी सीजन वाली प्याज की कटाई करीब पूरी हो चुकी है। इस सीजन में 60 फीसदी प्याज उत्पादन होता है। रबी सीजन में 45 लाख टन उत्पादन होने की संभावना है। (बिज़नस भास्कर)

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