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24 मई 2010

क्रूड सस्ता होने से घट सकते हैं सिंथेटिक यार्न के दाम

सिंथेटिक यार्न की सप्लाई कम होने के कारण इसके दाम आठ फीसदी तक बढ़ चुके हैं। कारोबारियों के मुताबिक बिजली कटौती की वजह से इसका उत्पादन घटने से सप्लाई में कमी आई है। उनके मुताबिक आने वाले दिनों में क्रूड ऑयल के दाम घटने से यार्न की कीमतों में गिरावट आ सकती है। बाजार में सिंथेटिक यार्न में एक माह के दौरान पॉलिएस्टर यार्न 2x42 के दाम 145 रुपये से बढ़कर 158 रुपये, 3x56 के दाम 162 रुपये से बढ़कर 173 रुपये हो गए हैं। वहीं पीपी यार्न-800 डेनियर के दाम 105 रुपये और 1200 डेनियर के दाम 110 रुपये प्रति किलो चल रहे हैं। रुई मंडी ट्रेडर्स एसोसिएशन के चैयरमेन और मैसर्स गर्ग ब्रदर्स के मालिक केवल कुमार गर्ग ने बिजनेस भास्कर को बताया कि बाजार में सिंथेटिक यार्न की सप्लाई कम हो रही है। इस वजह से दो माह के दौरान इनकी कीमतों में 12 रुपये प्रति किलो बढ़ोतरी हो चुकी है। उनका कहना है कि सिंथेटिक यार्न बनाने में उपयोग होने वाले फाइबर के दाम तीन रुपये बढ़कर 73 रुपये प्रति किलो हो गए हैं। इस वजह से इसकी कीमतों में तेजी आई है। बाजार में सिंथेटिक यार्न की सप्लाई कम होने की वजह बिजली कटौती के कारण उत्पादन कम होना है। इसके अलावा बीते दिनों में कॉटन यार्न की निर्यात मांग बढ़ने के कारण निर्माताओं ने सिंथेटिक यार्न बनाने की बजाय कॉटन यार्न में अधिक रुचि दिखाई थी। इससे भी बाजार में इसकी सप्लाई घटी है। कारोबारियों के मुताबिक इन दिनों इसकी मांग ठीक चल रही है। यार्न कारोबारी संजय जैन का कहना है कि सिंथेटिक यार्न का उपयोग कंबल, सिलाई और बुनाई कार्य आदि में होता है। इससे बने उत्पादों की खपत सर्दियों में अधिक होती है। इसलिए इन दिनों इनके निर्माण के लिए सिंथेटिक यार्न की मांग अच्छी चल रही है। उधर, कारोबारियों के मुताबिक इसके मूल्यों में आने वाले दिनों में कमी आ सकती है। गर्ग का कहना है कि बीते दिनों में क्रूड ऑयल के दाम 85 डॉलर प्रति बैरल से घटकर 69 डॉलर प्रति बैरल के नीचे चले गए हैं। इसका असर आने वाले दिनों में इसकी कीमतों पर पड़ सकता है। इसके मूल्यों में कमी आने की संभावना है। देश में सिंथेटिक यार्न बनाने वाली इंडोरामा सिंथेटिक इंडिया लिमिटेड और रिलायंस प्रमुख है।प्रभावबिजली की कटौती होने से यार्न उत्पादन में कमी के कारण सप्लाई घटीपिछले दो माह में सिंथेटिक यार्न के दाम ख्फ् रुपये किलो बढ़े (बिज़नस भास्कर)

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