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08 जून 2010

एफसीआई को पूवरेत्तर में गोदामों की तलाश

खाद्यान्न भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को पंजाब और हरियाणा में पर्याप्त गोदाम किराए पर नहीं मिल पा रहे हैं। इसलिए एफसीआई अब पूवरेत्तर राज्यों में भंडारण क्षमता बढ़ाने पर जोर देगी। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उत्तर-पूर्वी राज्यों में रलवे लाइन के आसपास भंडारण क्षमता बढ़ाई जाएगी। राज्यों के सहयोग से पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत जल्दी ही निविदा आमंत्रित की जाएंगी। एफसीआई ने अप्रैल में 127।64 लाख टन अतिरिक्त खाद्यान्न भंडारण क्षमता बढ़ाने की योजना बनाई थी। आगामी 18 महीनों में एफसीआई ने पंजाब में 71 लाख टन और हरियाणा में 39 लाख टन की अतिरिक्त भंडारण की योजना बनाई थी। लेकिन दो बार निविदा मंगाने के बावजूद पंजाब से अभी तक एफसीआई को केवल 15 लाख टन अतिरिक्त भंडारण के गोदामों की ही निविदा प्राप्त हो पाई हैं। जबकि उधर हरियाणा से केवल तीन लाख टन की निविदा मिली है। इनमें भी कुछ तकनीकी खामियां हैं। अधिकारी ने बताया कि भंडारण के लिए प्राइवेट गोदाम मालिकों से एफसीआई सात साल के लिए करार करगा। इसके अलावा गोदामों की लोकेशन की उपयोगिता के आधार पर एफसीआई प्रस्तावित 4.78 रुपये प्रति `िंटल प्रति माह किराए में बढ़ोतरी करने के लिए तैयार है। लेकिन पंजाब और हरियाणा के प्राइवेट गोदाम मालिक निविदा भरने में ज्यादा रुचि नहीं ले रहे हैं। केंद्रीय पूल में एक जून को 604.28 लाख टन खाद्यान्न का भारी-भरकम स्टॉक बचा हुआ है। राज्य सरकारों के अलावा एफसीआई और अन्य एजेंसियों को मिलाकर कुल सरकारी खाद्यान्न भंडारण क्षमता 475 लाख टन की ही है। ऐसे में खरीदा गया करीब 129 लाख टन खाद्यान्न खुले में तिरपालों के नीचे ही रखा है। केंद्रीय पूल में एक जून को 252.66 लाख टन चावल और 351.62 लाख टन गेहूं का स्टॉक बचा है। एफसीआई की भंडारण क्षमता 285 लाख टन है। चालू विपणन सीजन 2010-11 में एफसीआई ने अभी तक 224.62 लाख टन गेहूं की खरीद की है जो गत वर्ष की समान अवधि के 240.51 लाख टन से करीब 6.6 फीसदी कम है। (बिज़नस भास्कर.....आर अस राणा)

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