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20 जुलाई 2010

गेहूं पर आयात शुल्क की तैयारी

केंद्रीय कृषि एवं खाद्य मंत्री शरद पवार ने कहा है कि सरकार गेहूं पर आयात शुल्क लगाने के बार में अगले सप्ताह विचार करेगी। अगले हफ्ते होने वाली बैठक में गैर बासमती चावल पर दो वर्ष से लगी रोक को हटाने पर भी विचार किया जाएगा। पवार ने बताया कि खाद्य मामलों पर अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह (ईजीओएम) की बैठक में गेहूं पर आयात शुल्क लगाने पर चर्चा होगी।उन्होंने कहा कि ईजीओएम की बैठक में इस बिंदु पर विचार किया जाएगा कि गेहूं के आयात पर शुल्क लगाया जाए या नहीं। ईजीओएम की बैठक 23 या 24 जुलाई को होगी। पवार ने आईसीएआर के एक कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से कहा कि इस मुद्दे पर फैसला करने से पहले सभी पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। गौरतलब है कि देश में गेहूं का रिकॉर्ड स्टॉक जमा है, फिरभी फ्लोर मिलें खासकर दक्षिण भारत की मिलें ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों से गेहूं आयात कर रही हैं क्योंकि घरेलू बाजार के मुकाबले आयातित गेहूं सस्ता पड़ रहा है। इससे पहले मिलों ने सरकार से आयात शुल्क लगाने का कोई कदम न उठाने की मांग की थी। उनका तर्क है कि भले ही देश में गेहूं का स्टॉक काफी ज्यादा है लेकिन गेहूं उत्पाद जैसे आटा, मैदा और सूजी बनाने के लिए ज्यादा प्रोटीन युक्त गेहूं की जरूरत होती है। इस क्वालिटी के गेहूं की देश में भारी कमी है। मध्य प्रदेश में इस किस्म का गेहूं उगाया जाता है। वहां पैदावार कम रहने के कारण इसकी कमी है और इसके दाम ज्यादा हैं। मिलें सामान्य गेहूं में मिश्रण के लिए ऑस्ट्रेलिया से इस किस्म के गेहूं का आयात कर रही हैं। देश में 2009-ख्क् के सीजन में गेहूं के अच्छे उत्पादन के चलते सरकारी खरीद ज्यादा हुई। इसी वजह से सरकारी गोदामों में गेहूं का अंबार लगा है। देश में रिकॉर्ड उत्पादन और स्टॉक के बावजूद आयात हो रहे गेहूं पर ईजीओएम की बैठक में पहले 40 फीसदी शुल्क लगाने पर विचार किया गया था लेकिन इस पर फैसला टाल दिया गया। देश में 2009-ख्क् में 8क्9 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ है, जो पिछले साल 8क्स्त्र लाख टन था।चावल के बार में पवार ने कहा कि कई राज्यों ने गैर बासमती चावल की एक खास किस्म के निर्यात की अनुमति देने का अनुरोध किया है। केरल में उगाई जाने वाली इस विशेष किस्म के चावल की खाड़ी देशों में काफी ज्यादा मांग रहती है। केंद्र सरकार ने घरेलू बाजार में तेजी रोकने के लिए फ्क्क्8 में गैर बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगा दी थी। कृषि मंत्री ने बताया कि वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अगुवाई वाले ईजीओएम की बैठक में इन दोनों ही मुद्दों पर चर्चा होगी। इस बैठक में खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत राज्यों का खाद्यान्न आवंटन बढ़ाने पर भी चर्चा होगी।बात पते कीफ्लोर मिलों का तर्क है कि देश में भारी स्टॉक के बावजूद ज्यादा प्रोटीन वाले गेहूं की कमी है। इसे आटा, मैदा और सूजी बनाने के लिए मिलाया जाता है। इसी वजह से गेहूं आयात हो रहा है। (बिज़नस भास्कर)

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