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12 जुलाई 2010

त्यौहारी सीजन के चलते काली मिर्च में तेजी जारी रहेगी

अगले महीने रमजान होने के कारण खाड़ी देशों से काली मिर्च की मांग बढ़ गई है। घरेलू बाजारों में भी मांग लगातार निकल रही है। जल्दी ही देश में भी त्यौहारी सीजन शुरू होने वाला है। इसीलिए घरेलू बाजार के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में काली मिर्च की कीमतों में तेजी का रुख बना हुआ है। सबसे बड़े उत्पादक देश वियतनाम में काली मिर्च का स्टॉक सीमित मात्रा में बचा हुआ है इसलिए वियतनाम की बिकवाली कम आ रही है। ऐसे में आगामी दिनों में काली मिर्च की मौजूदा कीमतों में तेजी की संभावना है। वियतनाम में काली मिर्च का बकाया स्टॉक 35-40 हजार टन है इसलिए वहां की बिकवाली पहले की तुलना में कम आ रही है। वियतनाम कुल उत्पादन में से करीब 75 हजार टन काली मिर्च पहले ही बेच चुका है। अगस्त में वहां रमजान की छुट्टियां शुरू हो जाएगी। रमजान के कारण खाड़ी देशों की आयात मांग पहले की तुलना में बढ़ गई है। इसीलिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में काली मिर्च की कीमतें बढ़ गई हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत और वियतनाम की काली मिर्च के भाव बढ़कर 4100 डॉलर, ब्राजील की काली मिर्च का भाव 4075 डॉलर और इंडानेशिया की काली मिर्च का भाव 4000 डॉलर प्रति टन हो गया है। इस समय आयातकों की नजर ब्राजील और इंडोनेशिया की फसल पर टिकी हुई है। ब्राजील की फसल सितंबर में तथा इंडोनेशिया की अगस्त में आएगी। इंडोनेशिया ने सितंबर से दिसंबर डिलीवरी के 2000 से 3000 टन काली मिर्च के अग्रिम सौदे किए हैं। ब्राजील से भी नए आयात सौदे शुरू हो गए हैं। पिछले बीस-पच्चीस दिनों में हाजिर और वायदा बाजार में काली मिर्च के दाम क्रमश: 10 और 14।6 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। हाजिर बाजार में एमजी-वन काली मिर्च का भाव बढ़कर 18,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गया, जो 19 जून को 16,300 रुपये प्रति क्विंटल था। एनसीडीईएक्स में जुलाई वायदा अनुबंध में 19 जून को काली मिर्च का भाव 16,339 रुपये प्रति क्विंटल था, जो शनिवार को बढ़कर 18,730 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। तेजी के कारण घरेलू बाजार में काली मिर्च की बिकवाली कम आ रही है। इसीलिए तेजी को बल मिल रहा है। उद्योग सूत्रों के अनुसार चालू सीजन में काली मिर्च की घरेलू पैदावार पिछले साल के 45,000 टन से घटकर 40,000 टन रहने का अनुमान है। इसके अलावा पिछले साल का करीब पांच हजार टन का बकाया स्टॉक बचा हुआ था। उधर विश्व में काली मिर्च का कुल उत्पादन करीब 2.78 लाख टन होने का अनुमान है जबकि खपत 3.20 लाख टन होने का अनुमान है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अप्रैल महीने में काली मिर्च के निर्यात में 12 फीसदी की कमी आई है। इस दौरान कुल निर्यात 1,450 टन रहा जबकि पिछले साल की समान अवधि में 1,650 टन निर्यात हुआ था। (बिज़नस भास्कर...आर अस राणा)

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