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05 अगस्त 2010

आईजीसी ने गेहूं उत्पादन का अनुमान घटाया

नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय अनाज परिषद (आईजीसी) ने साल 2010-11 के लिए वैश्विक स्तर पर गेहूं के उत्पादन से जुड़ा अनुमान 1।3 करोड़ टन घटाकर 65.1 करोड़ टन कर दिया है। हालांकि इसके बावजूद दुनिया भर में तीन सबसे अधिक उत्पादन वाले अनाजों में गेहूं शामिल रहेगा। आईजीसी ने कहा कि 2009-10 में गेहूं उत्पादन का अनुमान 67.7 करोड़ टन था। कैरीओवर स्टॉक (पिछला भंडार) घटकर 19.2 करोड़ टन पर आ गया है, जो जून के अनुमान में 20.1 करोड़ टन और पिछले साल 19.7 करोड़ टन था। आईजीसी ने कहा कि 2009-10 में भंडार 8 साल की ऊंचाई पर था। बड़े निर्यातकों के पास रखा जाने वाला भंडार 5 करोड़ टन ही रहा, जो 2007-08 के 3.1 करोड़ टन के आंकड़े से कहीं ज्यादा है। इस बीच, कृषि राज्य मंत्री के वी थॉमस ने मंगलवार को संसद में बताया कि भारत सरकार की निजी मिलों के गेहूं का आयात करने पर पाबंदी लगाने की तुरंत कोई योजना नहीं है। मिलों ने अप्रैल और जून के बीच 46,174 गेहूं का आयात किया है, जिसकी कीमत 12,818 रुपए प्रति टन से 13,874 रुपए प्रति टन के बीच थी। देश के दक्षिणी हिस्से के कुछ मिल-मालिक अब भी गेहूं आयात कर रहे हैं, खास तौर से ऑस्ट्रेलिया से, क्योंकि पंजाब और हरियाणा जैसे उत्तर भारतीय राज्यों से अनाज मंगवाने की तुलना में विदेश से खरीदना ज्यादा सस्ता पड़ रहा है। मक्का के बारे में आईजीसी का वैश्विक उत्पादन अनुमान 10 लाख टन घटकर 82.3 करोड़ टन पर आ गया है, हालांकि अब भी यह रिकॉर्ड स्तर है क्योंकि साल भर पहले उत्पादन 80.5 करोड़ टन था। मक्के का कैरीओवर भंडार 13.4 करोड़ टन पर चार साल के नम्न स्तर पर रहने का अनुमान है। यह पिछले महीने से 30 लाख टन और पिछले साल 14 करोड़ टन कम है। आईजीसी ने अपनी वेबसाइट पर टिप्पणी में लिखा है, 'अमेरिका में सट्टेबाजी से जुड़ी गतिविधियों के साथ गेहूं वायदा बीते एक साल में अपने उच्चतम स्तरों पर पहुंच गया है, लेकिन निर्यात वैल्यू प्रतिस्पर्धात्मक बनी हुई है। इस साल पर्याप्त उपलब्धता की वजह से विदेशी बिक्री की रिकवरी में उछाल आने की संभावना है।' (बीएस हिंदी)

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